केंद्र की मोदी सरकार ने देश के करोड़ों छोटे कारोबारियों को बड़ा तोहफा दिया है. कंपोजीशन स्कीम के तहत रजिस्टर्ड कारोबारियों को पिछले वित्तवर्ष का सालाना रिटर्न दाखिल करने में देरी पर लेट फीस नहीं देनी होगी. इन कारोबारियों को दो महीने की लीट फीस भरने से छूट दी गई है.
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर बताया है कि वित्तवर्ष 2021-22 का अंतिम सालाना रिटर्न जीएसटीआर-4 दाखिल करने में देरी करने पर मई और जून का लीट फीस नहीं लिया जाएगा. सीबीआईसी के अनुसार, कंपोजीशन स्कीम के तहत रजिस्टर्ड छोटे कारोबारी 1 मई से 30 जून तक कोई लीट फीस नहीं देंगे. जीएसटीआर-4 सिर्फ कंपोजीशन स्कीम में शामिल छोटे कारोबारी ही दाखिल करते हैं.
कितनी लगती है लेट फीस
जीएसटी कानून के तहत रिटर्न फॉर्म जीएसटीआर-4 भरने में देरी करने पर कारोबारियों को 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से लेट फीस देनी होती है. जिन मामलों में कारोबारी पर टैक्स की देनदारी शून्य होती है, वहां अधिकतम 500 रुपये की लेट फीस दी जाती है. अन्य सभी मामलों में अधिकतम लेटी फीस 2,000 रुपये होती है. फिलहाल नया आदेश आने के बाद मई और जून के लिए इस लेट फीस से छूट रहेगी.