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Jammu and Kashmir में दर्ज हुई आग लगने की 660 घटनाएं, अग्निशमन विभाग ने जताई चिंता

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जम्मू कश्मीर में में इन दिनों कश्मीर में आग लगने की घटनाएं रिपोर्ट की जा रही हैं. आग लगने की इन घटनाओं के कारण वादी में प्रभावित इलाकों में आपातकाल की स्थिति बनी हुई है. जिस के कारण आपातकालीन सेवाओं पर सामान्य से ज्यादा दबाव बन गया है.

आग लगने की घटनाओं के कारण हर दिन अग्निशमन विभाग को लगभग आठ कॉल प्राप्त हो रही हैं जिसे विभाग ने ‘असामान्य रूप से’ हाई नंबर्स कहा है. इस मामले में विभाग ने एक रिपोर्ट भी जारी की है. अग्निशमन विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक घाटी में इस साल आग लगने के पहले तीन महीनों में कुल 660 आग लगने की घटनाओं का आंकड़ा दिया गया है. वहीं इस आग की घटना से लगभग दस लोगों के मारे जाने की भी खबर है.

अप्रैल की घटनाओं को नहीं गया है जोड़ा

हालांकि इन रिपोर्ट्स में अप्रैल महीने में हुई आग की घटनाओं को दर्ज नहीं किया गया है. इस घटना में श्रीनगर में आग की वह घटना भी शामिल नहीं की गई है जिसमें श्रीनगर के पुराने शहर में आग लगने से एक दर्जन मकान जल गए थे.अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार आग लगने की 660 घटनाओं में 525 से अधिक आवासीय और अन्य भवन, 99 दुकानें और 11 शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, एक अस्पताल और आठ वाहनों को नुकसान पहुंचा है.

फायर एंड इमरजेंसी सर्विस (एफ एंड ईएस) विभाग द्वारा तैयार किए गए आधिकारिक आंकड़ों से पता चला है कि इन आग की घटनाओं के दौरान 35.72 करोड़ रुपये की संपत्ति को क्षति पहुंचा है तो वहीं 31.30 करोड़ रुपये से अधिक का सामान जलकर राख हो गया है.

पिछले तीन महीनों में हुईं है आग लगने की ज्यादा घटनाएं

कश्मीर रेंज के ज्वाइंट डायरेक्टर, फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के मुताबिक, पहले तीन महीनों में श्रीनगर में आग लगने की सबसे ज्यादा घटनाएं हुई हैं. एफ एंड ईएस विभाग को 143 फायर कॉल मिले, जिसमें लगभग 17.04 करोड़ रुपये की संपत्ति को नुकसान पहुंचा, वहीं 20.38 करोड़ रुपये का सामान शामिल था.

इन महीनों में दूसरी सबसे बड़ी आग बारामूला जिले से सामने आई है जहां 108 आग की घटनाएं हुई हैं जिसमें 2.25 करोड़ रुपये की संपत्ति और 17.80 करोड़ रुपये की संपत्ति शामिल है. अगर जिलों के अनुसार देखें तो बडगाम में 45, अनंतनाग में 68, कुपवाड़ा में 81, पुलवामा में 53, शोपियां में 24, गांदरबल में 49, कुलगाम में 39 और बांदीपोरा सहित अन्य आठ जिलों में भी आग की घटनाएं हुई हैं.

सर्वेक्षण के अनुसार बिजली के ट्रांसफार्मर में आग लगने की 39 घटनाएं हुईं हैं तो वहीं घाटी में जंगल में आग लगने की 10 घटनाएं हुईं हैं. जिनमें श्रीनगर और बारामूला क्रमश: चार और तीन घटनाओं के साथ शीर्ष पर हैं.

आग की घटनाओं में खाक हुई है करोड़ों की संपत्ति

इन घटनाओं में दमकल एवं आपातकालीन सेवा विभाग ने आंकड़ों के अनुसार 27.75 करोड़ रुपये की संपत्ति को बचाने का दावा किया है. सर्वेक्षण में शॉर्ट-सर्किट और गैस रिसाव को आग की घटनाओं के प्रमुख कारणों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. पारंपरिक निर्माणों में लकड़ी के उपयोग को आग के दौरान असामान्य रूप से उच्च क्षति माना जाता है. कश्मीर में अधिकांश घरों में लकड़ी के बने ढांचे का 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सा होता है, जबकि पुराने घरों में यह प्रतिशत 70 प्रतिशत से भी अधिक हो जाता है.

अग्निशमन विभाग ने कहा है कि सरकार को नए दिशानिर्देशों के अनुसार घाटी में निर्माण प्रणाली में सुधार करने की जरूरत है. वहीं उन्होंने सरकारी और निजी व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में विद्युत प्रणालियों की वार्षिक जांच की भी जांच करने की आवश्यकता पर बल दिया है. इतना ही नहीं विभाग ने निजी घरों में भी हर 10 से 12 साल में अग्नि सुरक्षा उपायों की जांच की जानी चाहिए.