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इन उद्योगों के लिए पीएलआई-2 लाने की योजना बना रही है सरकार, नई नौकरियों के बनेंगे अवसर

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टेक्सटाइल उद्योगों के लिए पीएलआई (परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव) योजना मंजूर होने के बाद टेक्सटाइल सचिव उपेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा है कि सरकार इस उद्योग के लिए पीएलआई-2 पर विचार कर रही है जिसका मुख्य फोकस गारमेंट्स और अपैरल सैक्टर पर होगा.

उन्होंने कहा कि सरकार ने अब तक इस योजना के तहत 67 में से 61 आवेदन पर मंजूरी दी है और इसके लिए 19,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया है. इस योजना के कारण टेक्सटाइल उद्योग में 2.40 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है. उन्होंने आगे कहा कि पीएलआई-2 लाने पर चर्चा हो रही है जिसमें 4,000 रुपये करोड़ का निवेशक संभव है. इस निवेश का प्रमुख फोकस गारमेंट्स और अपैरल क्षेत्र में होगा. इस क्षेत्र में अधिक रोजगार पैदा होने की संभावना है.

कॉटन की कीमतें बढ़ी हुई हैं
उपेंद्र प्रसाद ने कहा कि पूरी दुनिया में कच्चे माल की कीमत बढ़ी हुई है. नतीजतन, टेक्सटाइल इंडस्ट्री भी इससे अछूती नहीं है. उन्होंने कहा कि कॉटन की कीमतें काफी बढ़ चुकी हैं और उससे बनने वाले कपड़े भी महंगे हो गए हैं. उन्होंने कहा कि कीमत में इस उछाल का फायदा किसानों को पहुंचा है. कपास उगाने वाले किसानों को इसकी अच्छी कीमत मिली है.

अगले 1 साल में कॉटन की बुआई बढ़ेगी
उन्होंने बताया कि भारत कॉटन का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक और देश में अगले एक साल में कपास की बुआई और बढ़ने की उम्मीद है. बकौल उपेंद्र प्रसाद, पिछले 7-8 सालों में कॉटन की मांग में बढ़त के बावजूद इसका उत्पादन कम रहा है. कीमतें अधिक हैं फिर भी सूती कपड़ों की मांग में कमी नहीं आई है. हालांकि, वर्तमान में अब कॉटन की कीमतों में और तेजी की संभावना नहीं है.
पीएलआई व पीएम मित्रा से उद्योगों को मिलेगा लाभ
उन्होंने कहा कि सरकार ने पीएलआई और पीएम मित्रा योजना का एलान किया है. इन योजनाओं से लॉजिस्टिक कॉस्ट, माल की सप्लाई का टाइम घटेगा. उन्होंने कहा कि दुनियाभर में पहुंच को और बढ़ान के लिए मैन मेड फाइबर पर जोर दिया जा रहा है. वहीं, यूके के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए ट्रेड एग्रीमेंट का प्रयास किया जा रहा है.