सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने छोटे टैक्सपेयर्स से जुड़े टैक्स विवादों को निपटाने की दिशा में पहले की है. बोर्ड ने इसके लिए बुधवार को ई-विवाद समाधान योजना, 2022 (e-Dispute Resolution Scheme, 2022) को नोटिफाई किया है. ऐसे टैक्सपेयर्स कुल आय 50 लाख रुपए तक है और उनका इनकम टैक्स विवाद 10 लाख रुपये से अधिक नहीं है, वे इस स्कीम का लाभ उठा सकेंगे. इस स्कीम के तहत उन्हें व्यक्तिगत रूप से अधिकृत प्रतिनिधि के जरिए टैक्स अधिकारियों के समक्ष पेश नहीं होना होगा. इसमें सारी प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक मोड में होगी.
इसके साथ ही सीबीडीटी ने विवाद समाधान समिति (Dispute Resolution Committee) के गठन को भी नोटिफाई किया है. इस समिति में 3 सदस्य शामिल होंगे, जिसमें भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के दो ऐसे रिटायर्ड अधिकारी शामिल होंगे, जिन्होंने 5 पांच साल आयकर आयुक्त या उच्च पद को पद संभाला है. साथ ही एक कार्यरत अधिकरी जो आयकर विभाग में प्रधान आयुक्त से नीचे के पद पर नहीं हो, वे भी इस समिति में शामिल होंगे.
इन सदस्यों का कार्यकाल 3 वर्षों का होगा. इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण ने पिछले महीने टैक्सपेयर्स की शिकायतों का समाधान नहीं करने के लिए सीबीडीटी को फटकार लगाई थी.
इतिहास का ऊंचा टैक्स कलेक्शन
सरकार जीएसटी कलेक्शन बढ़ाने के साथ डायरेक्ट टैक्स में भी इजाफा चाहती है. पिछले महीने सीबीडीटी के चेययमैन जे. बी. महापात्रा ने बताया था कि आयकर विभाग अपने इतिहास का ऊंचा टैक्स कलेक्शन दर्ज किया है. उनके अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में (17 मार्च तक )अग्रिम कर भुगतान में 41 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है. उन्होंने कहा था कि सालाना आधार पर नेट कलेक्शन 2020-21 की समान अवधि से 48.5 फीसदी अधिक है. 2019-20 की तुलना में 35 फीसदी अधिक है.