यूक्रेन बीते 21 दिन से रूस के हमले (Russian-Ukraine War) झेल रहा है. रूस ने खेरसॉन शहर पर पूरी तरह से कब्जा कर लिया है. यहां फंसे 3 भारतीय नागरिकों (Indians Stranded) को रेस्क्यू किया गया है. रूसी आर्मी ने यहां फंसे भारतीयों को सिम्फरोपोल और मॉस्को के रास्ते सुरक्षित निकाल लिया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है जब रूसी सेना ने यूक्रेन क्षेत्र से भारतीयों को निकालने में मदद की है. पूर्वी सीमा और रूस के रास्ते भारतीयों के निकलने का यह पहला मामला है.
मॉस्को में भारतीय दूतावास ने सिम्फ़रोपोल (क्रीमिया) और मॉस्को के रास्ते इन तीन भारतीयों के सुरक्षित निकलने में मदद की. इनमें से एक छात्र और दो कारोबारी हैं.
मॉस्को में दूतावास के एक राजनयिक ने मंगलवार को मीडिया को बताया, “हमने सिम्फ़रोपोल के लिए बस की व्यवस्था की. इसके बाद ट्रेन के जरिए तीनों भारतीयों को मॉस्को तक लाया गया. फिर मॉस्को से उन्हें भारत के लिए भेजा गया है. इनमें से 1 छात्र चेन्नई का है, जबकि दोनों कारोबारी अहमदाबाद के हैं.”
रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू होने पर यूक्रेन में हजारों भारतीय फंस गए थे. भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा के तहत इन सभी को कई बार में बाहर निकाला. इस दौरान भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात करके भारतीयों को वहां से निकालने में मदद मांगी थी. पुतिन ने भी भारतीयों की मदद का भरोसा दिलाया था. इसके बाद रूस और यूक्रेन के बीच सीजफायर के दौरान अधिकतर भारतीय निकल भी गए, लेकिन कुछ अब भी फंसे हैं.
22,500 भारतीय नागरिक सुरक्षित लौटे
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि रूस के बेलगोरोड और कुर्स्क के रास्ते भी भारतीयों को वापस लाया जाएगा. यह कदम ऑपरेशन गंगा के तहत उठाया जाएगा. यूक्रेन में फंसे भारतीयों को सुरक्षित वापस लाने के लिए भारत सरकार ने ऑपरेशन गंगा लॉन्च किया. इसके तहत लगभग 22,500 भारतीय नागरिक सुरक्षित भारत लौट पाए.
90 उड़ानें संचालित हुईं
ऑपरेशन गंगा के तहत 90 उड़ानें संचालित की गई हैं, जिनमें से 76 नागरिक उड़ानें और 14 IAF उड़ानें थीं. निकासी उड़ानें रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया से भारत पहुंचीं. भारतीयों के साथ 18 अन्य देशों के कई नागरिकों को भी वहां से निकाला गया है, जिसमें बांग्लादेश, नेपाल, अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्रिटेन के भी नागरिक शामिल हैं.