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केरल: पहाड़ पर 45 घंटों से फंसे युवा ट्रेकर की बचाई जान, तो जवानों को चूमकर कहा शुक्रिया

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 केरल (Kerala) के  पलक्‍कड जिले की दुर्गम पहाड़ी पर फंसे ट्रेकर सी बाबू (23) को सुरक्षित बचाकर वापस लाने वाली टीम के लीडर लेफ्टिनेंट कर्नल हेमंत राज इन दिनों सुर्खियों में हैं. उन्‍होंने न केवल दुर्गम इलाके तक 75 प्रशिक्षित लोगों की टीम का नेतृत्‍व किया बल्कि सी बाबू को सुरक्षित बाहर निकाला जबकि इससे पहले उस तक पहुंच पाने के तीन प्रयास फेल हो गए थे. केरल के पलक्‍कड अस्‍पताल में News18 से चर्चा में सेना के अफसर हेमंत राज ने कहा ‘ हम इसके लिए प्रशिक्षित हैं, ये कोई बड़ी बात नहीं है.’

हेमंत राज ने बताया कि केरल के ट्रेकर सी बाबू और उसके दोस्‍त पलक्‍कड जिले की 1000 मीटर ऊंची कुरुमबाची पहाड़ी पर ट्रेकिंग के लिए गए थे. इस बीच उन लोगों ने ट्रेकिंग के लिए जो रास्‍ता चुना था, वह किसी कारण से गलत हो गया और वे रास्‍ता भटक गए थे. यहां फिसल कर सी बाबू , पहाड़ी की एक ढलान के गड्ढे पर फंस गया था. इस गड्ढे में वह करीब 45 घंटों तक फंसा रहा, उसके पास न तो खाने के लिए भोजन था और न ही पानी. इस बीच सूचना पर फायर ब्रिगेड, कोस्‍टल गार्ड और नौसेना ने लगातार प्रयास किए थे. लेकिन बाबू तक पहुंच पाना नामुमकिन हो रहा था.

जब यह सूचना मद्रास रेजिमेंट को मिली तो उन्‍होंने भरोसेमंद अफसर हेमंत के साथ सेना के प्रशिक्षित पर्वतारोही दल और नेशनल डिजास्‍टर रिस्‍पांस फोर्स के सदस्‍यों को भेजा. ट्रेकर सी बाबू की मां भी इन लोगों के सुरक्षित लौट आने की प्रार्थना कर रही थीं.  सेना के जाबांजों ने अपने रेसक्‍यू ऑपरेशन में देरी नहीं की और बाबू को सुरक्षित बचा लिया. चूंकि उसे डिहाइड्रेशन और भारी थकान की समस्‍या थी, इसलिए उसे अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है.

जिंदगी बचाने वाले सेना के जवानों को चूमकर कहा शुक्रिया

ट्रेकर सी बाबू ने जिंदगी बचाने वाले सेना के जवानों को चूमा और फिर उनका शुक्रिया अदा किया. इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है. इस बारे में सेना के अफसर हेमंत ने कहा कि मेरे यह सर्वश्रेष्‍ठ समय था जब बाबू ने कहा कि वह सेना ज्‍वाइन करना चाहता है. सेना के जवानों ने हिम्‍मत और कुशलता से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया और इस सफलता से हम सब खुश हैं. बाबू की मां ने कहा कि जब सेना ने बचाव आपरेशन शुरू किया तभी हम सब को उम्‍मीद बंध गई थी कि वे मेरे बेटे को बचा लेंगे. उन्‍होंने कहा कि अब उन्‍हें बाबू को ट्रेकिंग का सबक सिखाना पड़ेगा.