छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस जवानों के बीच अजीबो-गरीब घटना घटी. रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में बड़ी संख्या में जवान मंगलवार को इकट्ठा थे. वहां मौजूद पुलिस जवान अचानक ही दो गुंटों में बंट गए और दंगा शुरू कर दिया. एक दूसरे पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए. आपस में भिड़े पुलिसजवानों को छुड़ाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी. पुलिस वालों की पत्थरबाजी के जवाब में पुलिस की ओर से ही आंसू गैस के गोले दागे गए. काफी देर की मशक्कत के बाद मामला शांत हुआ. तब तक आस-पास जिसकी भी निगाह गई, सब हैरान रह गये.
दरअसल राजधानी रायपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति से निपटने के लिए मंगलवार को पुलिस का मॉक ड्रिल हुआ. पुलिस की शब्दावली में इसे बलवा ड्रिल भी कहा जाता है. इसमे रायपुर पुलिस के सभी राजपत्रित अधिकारी, शहर के थाना प्रभारी, थानों का व रक्षित केंद्र तथा पुलिस प्रशिक्षित विद्यालय माना का बल शामिल था. जिला प्रशासन के भी मजिस्ट्रेट ड्यूटी करने वाले एडीएम, एसडीएम व सभी मजिस्ट्रेट शामिल हुए. पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल व जिला कलेक्टर की मौजूदगी में मॉक ड्रिल किया गया. मॉक ड्रिल में कानून व्यवस्था की स्थिति में अश्रु गैस व वाटर केनन के उपयोग का भी अभ्यास जवानों को कराया गया.
भगवा झंडा लेकर लगाए नारे
बता दें कि मॉक ड्रिल पूरी प्लानिंग के साथ की गई. हंगामा करने वाले की भूमिका में दिख रहे एक पुलिस जवान के हाथ में भगवा झंडा था. उसके आस-पास खड़े कुछ जवान जिंदाबाद-जिंदाबाद के नारे लगा रहे थे. इसी दौरान भीड़ का गुट बने पुलिसकर्मियों की दूसरी टीम ने यूनिफॉर्म वालों पर पथराव कर दिया. इसके बाद दंगे की स्थिति निर्मित हो गई. दंगाइयों की भूमिका निभा रहे पुलिसकर्मियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले दागे गए. इसके बाद भीड़ की ओर से आंसू गैस के गोले वापस पुलिस की तरफ फेंके गए. इसके बाद पुलिस ने वाटर केनन का प्रयोग किया. इसके बाद कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया. एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने बताया कि किसी भी स्थिति से निपटने के लिए इस तरह के मॉक ड्रिल समय-समय पर कराए जाते हैं.