केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने सोमवार को ऑल इंडिया मजलिए-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) से केंद्र सरकार की ओर से ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा कवर के लिए की गई पेशकश को स्वीकार करने का आग्रह किया है. दरअसल, पिछले सप्ताह उनकी कार पर उस वक्त गोलियां चलाई गई थीं, जब वे उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से होने जा रहे चुनाव के लिए प्रचार करने के बाद दिल्ली लौट रहे थे.
केंद्रीय मंत्री ने संसद को बताया, “ओवैसी की सुरक्षा को खतरा है… सरकार ने ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा (बुलेट-प्रूफ के साथ) कार प्रदान करने का फैसला किया है, लेकिन ओवैसी ने इनकार कर दिया है. मैं सदन के सदस्यों के माध्यम से अनुरोध करता हूं कि वह इस सुरक्षा कवर को स्वीकार कर लें.”
‘ओवैसी पर हमले को लेकर एक FIR दर्ज’
गृह मंत्री ने कहा, “दो अज्ञात लोगों ने काफिले पर गोलियां चलाईं. वे (ओवैसी) सुरक्षित बाहर निकल आए, लेकिन उनके वाहन के निचले हिस्सों पर तीन गोलियों के निशान थे. इस घटना को तीन गवाहों ने देखा और एक प्राथमिकी दर्ज की गई है.”
‘उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था नियंत्रण में’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पुलिस ने दो पिस्तौल बरामद करने के साथ ही एक मारुति ऑल्टो कार भी जब्त की है. उन्होंने कहा, “आरोपियों से पूछताछ की जा रही है, पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया है.” अमित शाह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि राज्य में चुनाव के मद्देनजर “कानून व्यवस्था नियंत्रण में है.”
ओवैसी ने ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा लेने से किया था इनकार
हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की कार पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में गोलीबारी होने के एक दिन बाद केंद्र ने 4 फरवरी को उन्हें ‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान करने की पेशकश की, लेकिन उन्होंने इसे लेने से मना कर दिया और सरकार से इसके बजाय उन्हें सभी के समान ‘ए’ श्रेणी का नागरिक बनाने को कहा. ओवैसी ने संसद में कहा था कि उन्हें सरकार द्वारा प्रदान किया गया सुरक्षा कवर-केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरपीएफ) कमांडो द्व़ारा चौबीसों घंटे सुरक्षा-नहीं चाहिए.
संसद में बोले ओवैसी: मैं जिंदा रहना चाहता हूं, बोलना चाहता हूं
उन्होंने लोकसभा में कहा, “मुझे जेड श्रेणी की सुरक्षा नहीं चाहिए. मैं आप सबके समान ‘ए’ श्रेणी का नागरिक होना चाहता हूं. जिन्होंने मुझ पर गोली चलाई, उन पर यूएपीए (गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून) क्यों नहीं लगाया गया? …मैं जिंदा रहना चाहता हूं, बोलना चाहता हूं. मैं उन लोगों से डरने वाला नहीं हूं, जिन्होंने मेरी कार पर गोलियां चलाईं.”