राजस्थान (Rajasthan) के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने रविवार को कहा कि पेगासस (Pegasus) मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को राष्ट्र को संबोधित करना चाहिए और बताना चाहिए कि जो भ्रम पैदा हो रहा है, वो गलत है. गहलोत ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, ”केंद्र सरकार को पेगासस मामले में खुद आगे आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए.. अगर आप पाक साफ हो…प्रधानमंत्री को खुद को देश को संबोधित करना चाहिए और बताना चाहिए कि जो भ्रम पैदा हो रहा है, वो गलत है.” उन्होंने कहा कि टेलीफोन को अगर सर्विलांस पर रख दिया तो वो भी बड़ा जुल्म होता है.
निशाने पर हैं असहमति रखने वाले लोग
सीएम गहलोत ने कहा कि, ”उच्चतम न्यायालय को भी जिस रूप में प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करनी चाहिए, वो नहीं कर पा रहा है, किसे दोष दें? सरकार जो हलफनामा दे रही है, उच्चतम न्यायालय में उसके कई मायने निकलते हैं.” उन्होंने कहा कि रिचर्ड निकसन को जासूसी के मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा था. उन्होंने कहा, ”देश में माहौल बन गया है कि असहमति रखने वाले लोग निशाने पर हैं, जिस राज्य में चुनाव होता है, वहां ईडी वाले आ जाते हैं, आयकर विभाग पहुंच जाता है, सीबीआई पहुंच जाती है. इस माहौल में देश में लोकतंत्र चल रहा है इसलिए मैं बार-बार कहता हूं कि लोकतंत्र को भी खतरा है और संविधान को भी खतरा है.”
ये मुल्क किस दिशा में जा रहा है
मुख्यमंत्री ने कहा कि, ”आज ऐसी स्थिति बन गई है देश के अंदर, आप आलोचना कर दो, असहमति व्यक्त कर दो, तो आप देशद्रोही हो. आप सोच सकते हो कि ये मुल्क किस दिशा में जा रहा है. मैं समझता हूं कि हर नागरिक के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए.” उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा, ”ये जो ट्रोल मीडिया चल पड़ा है भाजपा-आरएसएस का, आप कोई बात लिखो सोशल मीडिया पर, तो इनकी ट्रोल सेना जिसे लाखों-करोड़ों रुपए दिए जाते हैं, वे लोग आक्रमण करने के लिए टूट पड़ते हैं. लोकतंत्र में तो असहमति, आलोचना का भी स्वागत किया जाता है.” शहीद दिवस पर सचिवालय में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करने बाद गहलोत ने कहा कि देश में आज लगभग 98 प्रतिशत लोग आजादी के बाद पैदा हुए हैं और नई पीढ़ी को गांधी की विचारधारा पहुंचाने की आवश्यकता है.
खारिज की सीबीआई जांच की मांग
शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) का पेपर लीक होने के मामले में गहलोत ने कहा कि राजस्थान की सरकार ने मामले की भनक लगते ही तुरंत कार्रवाई की और इसकी जांच के लिए एसओजी को जिम्मेदारी सौंपी. विपक्षी भाजपा की तरफ से पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए गहलोत ने कहा कि भाजपा नेताओं को युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के बजाय व्यवस्था में सुधार के लिए राज्य सरकार को सुझाव देना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार ने कई लोगों को बर्खास्त किया है. धीरे-धीरे जांच आगे बढ़ेगी और जैसे ही अन्य लोगों के बारे में पता चलेगा उन्हें भी बर्खास्त किया जाएगा. उन्होंने कहा कि नकल को रोकने के लिए सरकार आगामी विधानसभा सत्र में विधेयक लेकर आ रही हैं, जिससे उसमें ऐसे प्रावधान किए जाएंगे कि किसी की इस तरह की हरकतें करने की हिम्मत ना हो. सरकार इसे बहुत गंभीरता से ले रही है.
सुझावों का करूंगा स्वागत
कांग्रेस नेता ने कहा कि, ”मैं अपील करना चाहूंगा, चाहे पक्ष हो, विपक्ष हो या चाहे कोई व्यक्ति हो, आलोचना करना उनका अधिकार है, परंतु ये लाखों बेरोजगारों के भविष्य का सवाल है, इसमें हम ऐसे कोई रास्ते सुझाएं, सुझाव दें कि भविष्य में ये नौबत नहीं आए. मैं इन सुझावों का स्वागत करूंगा.”
की गई है कार्रवाई
गौरतलब है कि, पिछले साल सितंबर में अयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) का आयोजन माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने किया था. पेपर लीक मामले में बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त कर दिया गया है और बोर्ड के सचिव अरविंद कुमार और 2 अन्य को राज्य सरकार ने शनिवार को निलंबित कर दिया है.