महाराष्ट्र विधान सभा से 12 बीजेपी (BJP) विधायकों के सस्पेंशन पर सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court) ने बड़ी राहत देते हुए सभी विधायकों को बहाल कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने नाराज महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) का अब मानना है कि इस मामले में विधिमंडल सचिवालय तय करेगा कि 12 विधायकों के बारे में क्या करना है. विधान सभा ने एक प्रस्ताव पारित करके इन विधायकों को अनिश्चित काल के लिए निष्कासित कर दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र विधान सभा में बीजेपी के 12 विधायकों को बहाल किया है. कोर्ट ने निष्कासन के आदेश को रद्द किया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधायक चुन कर आते हैं और वे अपने इलाके के प्रतिनिधि होते हैं. ऐसे में उन्हें अनिश्चित काल के लिए निष्कासित करना जनता के साथ भी अन्याय होगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा उन्हें एक सत्र के लिए निष्कासित किए जा सकता था. विधान सभा में गलत व्यवहार का आरोप लगाते हुए विधान सभा ने बीजेपी के 12 विधायकों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था.
इन विधायकों को अनिश्चित काल के लिए सदन से निष्कासित कर दिया था. इस निष्कासन के आदेश को गलत मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को रद्द कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विधान सभा को इस तरह का प्रस्ताव पारित करने का अधिकार ही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से एक तरफ बीजेपी नेताओं ने इसे अपनी जीत बताया है तो महाराष्ट्र सरकार के नेताओं ने इस फैसले पर सवाल खड़े करते हुए नाराजगी दिखाई है. महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक का कहना है कि 12 विधायकों पर सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है, उस पर विधि मंडल सचिवालय विचार करेगा. इसके बाद फाइनल फैसला अध्यक्ष लेंगे. विधि मंडल सचिवालय यह देखेगा कि कोर्ट इस मामले में फैसला ले सकता है या नहीं.
इधर, भाजपा नेता देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि यह असत्य पर सत्य की जीत है. सरकार ने गलत तरीके से हमारे विधायकों को सस्पेंड किया था. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं. पिछले साल हुए विधान सभा सत्र में 12 भाजपा विधायकों के व्यवहार को देखते हुए सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी महाराष्ट्र सरकार कह रही है कि विधायकों के सस्पेंशन पर अंतिम फैसला विधान सभा अध्यक्ष का ही होगा.