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कोविड मरीज को ठीक होने के 3 महीने बाद लगेगी वैक्सीन, केंद्र ने जारी किए नए निर्देश

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केंद्र सरकार ने शुक्रवार को टीकाकरण (Vaccination) को लेकर नए निर्देश जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित होने वाले मरीजों को ठीक होने के तीन महीने बाद वैक्सीन दी जाएगी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से इस संबंध में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र भेजे गए हैं. नए निर्देशों में वैक्सीन की एहतियाती खुराक (Precaution Shots) भी शामिल है.

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कहा कि संक्रमित पाए गए व्यक्तियों के टीकाकरण में तीन महीने की देरी होगी. इसमें ‘एहतियाती’ खुराक भी शामिल है. सभी राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों को भेजे गए पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव विकास शील ने कहा, ‘कृपया ध्यान दें- जिन व्यक्तियों की जांच में सार्स सीओवी-2 कोविड-19 संक्रमण की पुष्टि हुई है अब उन्हें ठीक होने के तीन महीने बाद खुराक दी जाएगी. इसमें ‘एहतियाती’ खुराक भी शामिल है.’ शील ने कहा, ‘मैं अनुरोध करता हूं कि संबंधित अधिकारी इसका संज्ञान लें.’

कोविन से 4 के बजाए अब 6 लोगों का हो सकेगा रजिस्ट्रेशन
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ‘कोविन’ पर एक मोबाइल नंबर से अब चार की बजाय छह लोग पंजीकरण करवा सकते हैं. मंत्रालय ने कहा कि कोविन के ‘रेज एन इश्यू’ सेक्शन के तहत एक और सुविधा शुरू की गई है जिससे लाभार्थी टीकाकरण की वर्तमान स्थिति को ‘पूर्ण टीकाकरण’ से ‘आंशिक टीकाकरण’ या ‘बगैर टीकाकरण’ और ‘आंशिक टीकाकरण’ से ‘बगैर टीकाकरण’ में बदल सकता है.

मंत्रालय ने कहा, ‘कुछ मामलों में जहां अनजाने में गलती से टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी हो जाता है, लाभार्थी टीकाकरण की स्थिति को ठीक कर सकते हैं.’ मंत्रालय ने कहा कि ‘रेज एन इश्यू’ के जरिये ऑनलाइन अनुरोध करने के तीन से सात दिन के भीतर परिवर्तन हो सकता है.

वैक्सीन बने मुख्य रणनीति
कोविड​​​​-19 रोधी टीकों के दुनिया के सभी हिस्सों, विशेष रूप से गरीब देशों तक नहीं पहुंचने के बारे में चिंताओं के बीच, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि टीकाकरण महामारी से लड़ने के लिए किसी भी रणनीति का मुख्य हिस्सा होना चाहिए और समान वितरण बहुत जरूरी है. ऐसे में जब कुछ विकसित देश टीके की चौथी खुराक के बारे में बात कर रहे हैं, अफ्रीका और कुछ अन्य क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोगों को अभी पहली खुराक भी नहीं मिली है.