भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना, एटी4 एंटी-टैंक सिंगल शॉट वेपन (AT4 anti-tank single shot weapon) का उपयोग करेगी. ये अचूक हथियार बेहद खतरनाक हैं. इसकी जानकारी साब इंडिया (Saab India) ने गुरुवार को दी. ये हथियार, बख्तरबंद वाहनों और किलेबंदी को नष्ट करने में सक्षम होते हैं. एटी 4 का उद्देश्य पैदल सेना इकाइयों को मजबूत बनाने से है. इसका सबसे पहला प्रयोग 1960 के दशक के अंत में स्वीडिश सेना ने किया था. स्वीडन की कंपनी साब इनका निर्माण करती है.
जानकारी में बताया गया है कि भारतीय सशस्त्र बलों (Indian Armed forces) ने साब (Saab) के एटी4 एंटी-टैंक सिंगल शॉट हथियार का चयन किया है. यह दुनिया का सबसे खतरनाक एंटी टैंक हथियार है. इसका उपयोग किसी इमारत या बंकर में बैठकर किया जा सकता है. इस 84 एमएम बोर वाले लॉन्चर से दुश्मन के टैंकों को आसानी से तबाह किया जा सकता है.
अमेरिका में भी हो रहा इस्तेमाल, वजन मात्र 8 किलो
एटी4 या एटी4सीएस का इस्तेमाल फ्रांस, लातविया और अमेरिका जैसे देशों में हो रहा है. इसका वजन मात्र 8 किग्रा है. इससे दुश्मन के टैंकों, इमारतों, हेलिकॉप्टर, हथियारबंद गाड़ियों और ठिकानों को तबाह किया जा सकता है. यह 300 मीटर दूर तक निशाना साध लेती है. दुश्मनों के सैन्य अभियानों पर यह हथियार भारी पड़ता है.
भारत में विकसित हुए हैं ये अचूक हथियार
भारत को ये अचूक हथियार मिल चुके हैं और इसका विकास भारत में ही हुआ है. ये दुश्मनों को रोकने और उसके ठिकानों और सैन्य वाहनों को नष्ट कर सकता है. एंटी-पर्सनेल और एंटी-टैंक माइंस मिलने से भारतीय सेना की ताकत बढ़ी है.