मी विवेकानंद का असली नाम नरेन्द्रनाथ दत्त था. स्वामी विवेकानंद का नाम इतिहास में एक ऐसे विद्वान के रूप में दर्ज है, जिन्होंने मानवता की सेवा को अपना सर्वोपरि धर्म माना. अमेरिका के शिकागो में धर्मसभा में अपने धाराप्रवाह भाषण से अंतरराष्ट्रीय सुर्खियों में आए भारतीय संन्यासी स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को बंगाल में हुआ था. स्वामी विवेकानंद अपने ओजपूर्ण और बेबाक भाषणों के कारण काफी लोकप्रिय हुए, खासकर युवाओं के बीच. यही कारण है कि उनके जन्मदिन को पूरा राष्ट्र ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ के रूप में मनाता है. राष्ट्रीय युवा दिवस’ प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है.
स्वामी विवेकानंद ने मानवता की सेवा एवं परोपकार के लिए 1897 में कोलकाता में रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी. वहीं 1898 में गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना भी की थी. इस मिशन का नाम विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस के नाम पर रखा था. बता दें कि 1984 में स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया गया था. जिसके बाद 1985 से प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है.
अमेरिका में 11 सितंबर 1893 को हुआ था धर्म संसद का आयोजन
अमेरिका में 11 सितंबर 1893 को धर्म संसद का आयोजन हुआ, जिसमें स्वामी विवेकानंद भी शामिल हुए. यहां उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत हिंदी में ये कहकर की कि ‘अमेरिका के भाइयों और बहनों’ इस धर्म संसद में उनका भाषण इतना जोरदार था कि, उनके भाषण पर आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो में पूरे दो मिनट तक तालियां बजती रहीं. यह घटना आज भी भारत के इतिहास में एक गर्व और सम्मान के तौर पर दर्ज है.