कोरोना (Covid-19) के नई वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) को लेकर कुछ गलतफहमियां हो रही थीं. अब तक कहा जा रहा था कि ओमिक्रॉन (Omicron) कम घातक है. इसके संक्रमित लोग 3-4 दिन में ठीक हो रहे हैं. ओमिक्रॉन संक्रमण (Omicron Infection) से लोगों की मौत होने का प्रतिशत तो बहुत ही कम है. मतलब यह कोरोना (Covid-19) के पिछले वेरिएंट की तरह नुकसानदायक भी नहीं है. लेकिन एक नई रिसर्च से के नतीजे इन तमाम गलतफहमियों को दूर करने वाले साबित हो रहे हैं. इनमें बताया गया है कि ओमिक्रॉन (Omicron) जान भले न लेता हो, लेकिन संक्रमित व्यक्ति के अंदरूनी अंगों को भरपूर नुकसान पहुंचा रहा है.
जर्मनी की यूनिवर्सिटी क्लीनिक हैंबर्ग-एपेनड्रॉफ (UKE) के विशेषज्ञों ने यह शोध किया है. यह शोध अध्ययन यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित हुआ है. कोरोना वायरस (Covid-19) का संक्रमण किसी भी किस्म या स्तर का हो, वह संक्रमित व्यक्ति के शरीर के अंदरूनी हिस्सों में अपने निशान छोड़ जाता है. पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहे ओमिक्रॉन (Omicron) पर भी यह बात लागू होती है. भले, इसके संक्रमितों में कोरोना (Covid-19) के लक्षण नजर न आते हों या बेहद मामूली दिखते हों. इस शोध में 45 से 74 साल की उम्र के 443 लोगों को शामिल किया गया. ये सब कोरोना (Covid-19) से संक्रमित हुए थे, लेकिन बेहद मामूली या हल्के लक्षणों के साथ. कुछ संक्रमितों में तो कोरोना (Covid-19) के लक्षण दिखे ही नहीं थे. इनमें से 93% मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत नहीं आई थी.