इनकम टैक्स फाइल करने की समय सीमा तीन दिनों में समाप्त हो जाएगी. आयकर विभाग ने टैक्सपेयर्स को ईमेल, एसएमएस के जरिए आखिरी मिनट तक इंतजार न करने और बिना किसी देरी के आयकर रिटर्न दाखिल करने का रिमाइंडर जारी किया है. सभी टैक्सपेयर्स जिन्होंने अभी तक AY 2021-22 के लिए अपना आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है, उन्हें आयकर विभाग द्वारा घोषित इन 5 बदलाव पर ध्यान देना चाहिए जो ITR दाखिल करते समय महत्वपूर्ण हैं.
1) एनुअल इन्फॉरमेशन स्टेटमेंट (AIS)
टैक्सपेयर्स और फाइलर्स की आसानी के लिए पोर्टल पर एक एनुअल इन्फॉरमेशन स्टेटमेंट (AIS) शुरू किया गया. यह एक तरह से ऑटोमेटेड रिटर्न फाइलिंग या प्री-फाइलिंग में मदद करता है. यह स्टेटमेंट आपके पैन की मदद से निवेश के सभी स्रोतों से ब्याज, डिविडेंड, सिक्योरिटीज, म्यूचुअल फंड और विदेशों में धन भेजने से संबंधित जानकारियां एकत्र कर यहां उपलब्ध कराएगा.
2) आईटीआर-1
एसेसमेंट इयर 2022 (वित्त वर्ष 2021) के इनकम टैक्स रिटर्न की फाइलिंग के नियमों में कई बदलाव हुए हैं और इसी बदलावों में एक अहम बदलाव डिविडेंड इनकम की जानकारी देना है. आईटीआर-1 तिमाही लाभांश के बारे में भी पूछता है, जो वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान कर योग्य है. एडवांस टैक्स पर सेक्शन 234 सी के अंतर्गत टैक्स छूट के लिए इस जानकारी की आवश्यकता पड़ती है.
3) यदि ईएसओपी पर कर स्थगित है, तो ITR-1 और ITR-4 दाखिल नहीं किया जा सकता है
आईटीआर-1 और आईटीआर-4 के साथ नियम 12 में संशोधन किया गया है. अब धारा 80-आईएसी के तहत स्टार्ट-अप द्वारा आवंटित ईएसओपी के संबंध में भुगतान या कर कटौती के मामले में निर्धारित आय में रिटर्न प्रस्तुत करने के लिए पात्र नहीं हैं.
4) टैक्स ऑडिट के लिए सीमा में वृद्धि
पहले सालाना 5 करोड़ रुपये से ज्यादा इनकम या रिसीट पर अकाउंट ऑडिट (tax Audit u/s 44AB) कराने की जरूरत होती थी. लेकिन इस साल यह रकम सीमा बढ़ाकर 10 करोड़ कर दी गई. हालांकि शर्त यह भी है कि कुल रिसीट का 5 पर्सेंट से ज्यादा कैश में नहीं आया हो. यानी 95 पर्सेंट रकम कैशलेस या डिजिटल मोड में आई हो. वरना ऑडिट छूट की सीमा उस पर लागू नहीं होगी.
5) ईएसओपी के संबंध में अस्थगित राशि की रिपोर्टिंग
अगर कोई कर्मचारी स्टार्ट-अप कंपनी द्वारा सेक्शन 80-IAC के अंतर्गत आवंटित ईएसओपी प्राप्त कर रहा, जिसकी कर राशि डेफर्ड है, पार्ट बी के शेड्यूल TTI के अनुसार इस संबंध में विवरण देना होगा.