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कपड़ा के साथ जूते-चप्पल और सैंडल खरीदना भी होगा अब महंगा, नए साल में देना होगा आपको इतना रुपया ज्यादा

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एक जनवरी 2022 से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) में कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. नए साल में आपकी जेब (Pocket) पर यह बदवाल भारी पड़ने जा रहा है. इन बदलावों में खासकर ई-कॉमर्स ऑपरेटरों (E-Commerce Operators) पर पैसेंजर ट्रांसपोर्ट या रेस्त्रां सर्विसेज के माध्यम से प्रदान की जाने वाली सेवाओं पर टैक्स (Tax) का भुगतान करने का दायित्व शामिल है. इसके साथ ही फूटवियर और टैक्सटाइल सेक्टर में इनवर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में भी सुधार भी नए साल में शुरू हो जाएगी. इस शुरुआत के साथ ही फूटवियर पर 12 प्रतिशत का जीएसटी भी लगने लगेगा. फूटवियर पर 12 प्रतिशत टैक्स लगने का मतलब है कि आप जो जूता या चप्पल 100 रुपये में खरीदते थे वह नए साल से 112 रुपये में मिलने लगेगा. फिलहाल फूटवियर पर 5 प्रतिशत जीएसटी वसूला जा रहा है. इसी तरह टैक्सटाइल उत्पाद रेडीमेड कपड़ों समेत सभी टेक्साइटल प्रोडक्ट्स (कॉटन को छोड़कर) पर भी 12 प्रतिशत जीएसटी लगना शुरू हो जाएगा.

जीएसटी दरों में होने जा रहा है बड़ा बदलाव
सोसायटी में रहने वालों के लिए मेंबर-फी का नियम भी बदलने जा रहा है. क्लब और एसोसिएशन के मेंबर जो फीस देते हैं. अब उस पर उन्हें जीएसटी भी देना पड़ेगा. यह वसूली 1 जुलाई 2017 की तारीख से की जाएगी. सरकार इसके लिए नया नियम लाने जा रही है.

खाने के सामान भी हो जाएंगे महंगे
नए बदलाव के बाद फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों स्विगी और जोमैटो जैसे ई-कॉमर्स सर्विस प्रोवाइडर्स का यह उत्तरदायित्व होगा कि उनके द्वारा दी जाने वाली रेस्टोरेंट सर्विसेज के बदले वे जीएसटी कलेक्ट करें और उसे सरकार के पास जमा करवाएं. ऐसी सर्विसेज के बदले उन्हें बिल भी जारी करने होंगे. इससे ग्राहकों पर कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा क्योंकि रेस्टोरेंट पहले से ही जीएसटी रेवेन्यू कलेक्ट कर रहे हैं. बदलाव सिर्फ इतना हुआ है कि टैक्स जमा करवाना और बिल जारी करने की जिम्मेदारी अब फूड डिलीवरी प्लेटफार्मों पर आ गई है.