प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के एक्सपर्ट पैनल के एक सदस्य ने बुधवार को न्यूज18 से कहा कि बूस्टर डोज की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वैक्सीन एंटीबायोटिक की तरह नहीं होती है जिसे एक के बाद दूसरी ले ली जाए. नेशनल टेक्निकल एडवायजरी ग्रुप ऑफ इम्युनाइजेशन (NTAGI) के सदस्य डॉ जयप्रकाश मुलियिल ने न्यूज18 से खास बातचीत में कहा, “मेरी समझ से बूस्टर डोज की कोई जरूरत नहीं है.” उन्होंने कहा, “ये मेरी राय है और एक्सपर्ट्स इससे अलग राय रख सकते हैं लेकिन कम से कम साइंस के मुताबिक प्राकृतिक इंफेक्शन से मिली सुरक्षा ज्यादा मददगार होती है. खासतौर पर इन्फ्लूएंजा की बीमारियों में, उदाहरण के लिए, H1N1 इन्फ्लुएंजा की सुरक्षा की अवधि आजीवन होती है.” उन्होंने कहा कि भारत में बूस्टर डोज लॉन्च करने पर एनटीएजीआई के सदस्य विचार कर रहे हैं और इसकी एक अन्य बैठक अगले सप्ताह होनी है.
वेल्लोर के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और भारत के सबसे बड़े एपिडेमियोलॉजिस्ट में शुमार किये जाने वाले मुलियिल ने बताया कि “वैक्सीन हमारे शरीर के भीतर के एंटिजन को पहचानने का काम करती हैं ताकि जब कोई इंफेक्शन हो, तो इम्यून सिस्टम उसके खिलाफ लड़ाई करने के लिए तैयार हो जाए. ये एक सिम्फनी ऑकेस्ट्रा के जैसा है जिसे इंसानी शरीर बजाता है.” उन्होंने समझाया फिर से देखने पर पता चलता है कि उस विशेष समूह को पहले ही कोविड इंफेक्शन हो चुका है.