भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग यानी सीसीआई (CCI) ने हालिया आदेश में फ्यूचर कूपन (Future Coupons) के साथ ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) की डील को दी गई मंजूरी सस्पेंड कर दी है. इसके अलावा सीसीआई ने कुछ प्रावधानों का उल्लंघन करने के कारण अमेजन पर 202 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. अब व्यापारियों के संगठन कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स यानी कैट (CAIT) ने अमेजन पर निशाना साधा है और कंपनी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की है.
‘ई-कॉमर्स और ऑफलाइन रिटेल बिजनेस को नियंत्रित करने की कोशिश’
कैट ने कहा कि सीसीआई के हालिया आदेश से यह निष्कर्ष निकाला है कि अमेजन लगातार सरकार के कानूनों और नीतियों को चकमा देने के जानबूझकर प्रयास में शामिल है. न केवल ई-कॉमर्स बिजनेस बल्कि ऑफलाइन खुदरा बिजनेस को नियंत्रित करने और हावी होने के अपने छिपे हुए एजेंडे का अनुसरण करने के साथ-साथ अमेजन संभावित प्रतिस्पर्धियों को बाहर करने से संभावित प्रतिस्पर्धा को खत्म करने के प्रयास में जुटा है. पिछले तीन साल से अधिक समय से कैट लगातार अमेजन की अवांछनीय व्यापारिक तरीकों का लगातार विरोध करता आ रहा है और सीसीआई का आदेश इस विरोध का परिणाम है.
‘विदेशी कंपनी को स्वदेशी प्रतिस्पर्धा का सफाया करने की अनुमति नहीं देंगे’
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने एक बयान में कहा कि बेशक भारतीय कॉरपोरेट्स के साथ हमारे मतभेद हैं लेकिन हम किसी भी विदेशी कंपनी को स्वदेशी प्रतिस्पर्धा का सफाया करने की अनुमति नहीं देंगे. यह स्पष्ट है कि जो भी कोई कंपनी भारत के कानून और नियमों का पालन नहीं करेगी तो कैट मुकाबले एवं संघर्ष के लिए तैयार है. कैट ने कहा कि यह आदेश सभी को एक कड़ा संदेश देता है कि भारतीय नियामकों को अब विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा हल्के में नहीं लिया जा सकता है. कैट ने संकेत दिया कि यूपी और पंजाब सहित आगामी पांच विधानसभा चुनावों में कानून के अनुसार अमेजन पर कार्रवाई की मांग व्यापारिक समुदाय के बीच एक प्रमुख मुद्दा हो सकता है.