कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है. अब उन्हें काम के घंटे और दिनों में राहत मिल सकती है. दरअसल, मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध (Industrial Relations) और व्यवसाय सुरक्षा (Occupation Safety) और स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर चार लेबर कोड (Labour Codes) को अगले वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) तक लागू किए जाने की संभावना है. यह जानकारी देते हुए एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कम से कम 13 राज्यों ने इन कानूनों के ड्राफ्ट रूल्स (Draft Rules) को तैयार कर लिया है.
केंद्र ने दे दिया है नियमों को अंतिम रूप
केंद्र ने इन कोड के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है और अब राज्यों को अपनी ओर से नियम बनाने हैं, क्योंकि लेबर समवर्ती सूची (Concurrent List) का विषय है. अधिकारी ने कहा कि चार लेबर कोड के अगले वित्त वर्ष तक लागू होने की संभावना है.
अधिकारी ने कहा, ”चार लेबर कोड के अगले वित्त वर्ष 2022-23 में लागू होने की संभावना है, क्योंकि बड़ी संख्या में राज्यों ने इनके ड्राफ्ट रूल्स को अंतिम रूप दे दिया है. केंद्र ने फरवरी 2021 में इन कोड के ड्राफ्ट रूल्स को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन चूंकि लेबर एक समवर्ती विषय है, इसलिए केंद्र चाहता है कि राज्य भी इसे एक साथ लागू करें.”
कई राज्यों ने तैयार किए ड्राफ्ट रूल
केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस सप्ताह की शुरुआत में राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में बताया था कि व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर लेबर कोड के ड्राफ्ट रूल्स को कम से कम 13 राज्य तैयार कर चुके हैं. इसके अलावा 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने मजदूरी पर लेबर कोड के ड्राफ्ट रूल्स को तैयार किया है. औद्योगिक संबंध संहिता के ड्राफ्ट रूल्स को 20 राज्यों ने और सामाजिक सुरक्षा कोड के ड्राफ्ट रूल्स को 18 राज्यों ने तैयार कर लिया है.