कोरोना संक्रमण (Coronavirus In India) के ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) ने दुनिया भर में हलचल मचा रखी है. इस बीच भारत के टॉप साइंटिस्ट ने कहा है कि ओमिक्रॉन स्ट्रेन (Omicron In India) के लक्षणों के बारे में अभी से अंदाजा लगाना गलत होगा. उन्होंने कहा कि दिसंबर के आखिरी तक वेरिएंट के बारे में पूरी जानकारी मिल पाएगी. बता दें ओमिक्रॉन के संदर्भ में कहा जा रहा है कि उसके संपर्क में आने से बीमारी के हल्के लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि News18 से बात करते हुए इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (IGIB) के निदेशक डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा यह उम्मीद करना कि दक्षिण अफ्रीका में इस संक्रमण के बाद जो हो (हल्के लक्षण) रहा है वह भारत में भी हो लेकिन हल्के वायरस भी पूरे स्वास्थ्य प्रणाली को झुकाने का माद्दा रखते हैं. उन्होंने कहा कि भारत को अच्छी स्थिति की उम्मीद करनी चाहिए लेकिन सबसे बुरे के लिए तैयार रहना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘कम से कम दिसंबर के अंत से पहले ओमिक्रॉन पर कुछ भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी.’ वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के तहत एक संस्थान IGIB, ओमिक्रॉन का पता लगाने और यह समझने के लिए कि यह कैसे काम करता है, एसएआरएस-सीओवी -2 जीन की सीक्वेंसिंग कर रहा है.
अग्रवाल ने कहा, ‘हमें यह समझने की जरूरत है कि जब भारत की आबादी के आकार की बात आती है तो बड़ा मुद्दा होता है. इसलिए, गंभीर मामलों की कुल संख्या पूरी स्वास्थ्य प्रणाली को परेशान करने के लिए काफी होगी.’ पल्मोनोलॉजिस्ट और एक मेडिकल रिसर्चर ने बताया कि कोरोनवायरस के नए वेरिएंट पर कुछ भी निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी क्यों है.
दिसंबर तक करना चाहिए इंतजार- अग्रवाल
उन्होंने कहा- ‘मैं कुछ भी निष्कर्ष निकालने के लिए कम से कम दिसंबर के अंत तक इंतजार करना चाहता हूं. आमतौर पर, वेव का शुरुआती हिस्सा हल्का और कम गंभीर होता है. कारण यह है कि युवा सबसे पहले संक्रमित होते हैं. हालांकि, जैसे ही संक्रमण घर पहुंचता है और बुजुर्गों और कमजोर लोगों को संक्रमित करना शुरू कर देता है, ऐसे में वेव तेज हो जाती है.’