देश की राजधानी दिल्ली की सीमा पर चल रहा किसान आंदोलन (Kisan aandolan) अब खत्म होने की तरफ बढ़ रहा है. सरकार के साथ संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की लगातार वार्ता चल रही है. संयुक्त किसान मोर्चा की 5 सदस्य कमेटी की आपात बैठक नई दिल्ली इलाके में बुलाई गई है. यह 5 सदस्य कमेटी सरकार से बातचीत करने के लिए एसकेएम की तरफ से गठित की गई है. बताया जा रहा है कि आज केंद्र सरकार के साथ बैठक भी हो सकती है.
आज सुबह 10 बजे नई दिल्ली इलाके में केजी मार्ग के पास अखिल भारतीय किसान सभा के दफ्तर में 5 सदस्यीय कमेटी की बैठक होगी. आज केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री से इस 5 सदस्यीय कमेटी की बैठक हो सकती है, जिसके बाद ये कमेटी 2 बजे होनी वाली एसकेएम की बैठक बातचीत का ब्यौरा देगी.
कल केंद्र सरकार की तरफ से संयुक्त किसान मोर्चा को उनकी लंबित मांगों के लिए एक प्रस्ताव भेजा गया था. जिसके कुछ बिंदुओं पर एसकेएम को आपत्ति थी. किसान संगठन अभी भी मुकदमों की वापसी पर लगाई गई शर्त, मुआवज़े और एमएसपी पर सरकार स्पष्टता चाहते हैं. एसकेएम ने उम्मीद जताई है कि सरकार उन बिंदुओं पर सहमत होगी और जल्द ही किसान आंदोलन के खत्म होने का रास्ता निकल सकेगा.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 19 नवंबर को कृषि कानून वापस लिए जाने के ऐलान के बाद संसद से तीनों कानूनों को निरस्त कर दिया गया. एसकेएम ने पीएम नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखकर एमएसपी समेत 6 मांगे केंद्र सरकार के सामने रखी. जिसमें एमएसपी पर लीगल गारंटी किसान, आंदोलन के दौरान जान गवाने वाले किसानों को मुआवजा, अलग-अलग राज्यों में किसानों पर दर्ज मुकदमों की वापसी, पराली बिल, बिजली संशोधन बिल और लखीमपुर खीरी घटना के मद्देनजर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए जाने की मांग शामिल थी.
किसान एक साल से कर रहे हैं धरना
कृषि कानून वापसी के मद्देनजर दिल्ली की तीन सीमाओं पर किसान पिछले 1 साल से ज्यादा से धरने पर बैठे हैं. 26 नवंबर 2020 को शुरू हुआ यह किसान आंदोलन अभी तक चल रहा है. सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर किसानों के मोर्चे बने हुए हैं.