भारत सरकार (Government of India) देश में स्वास्थ्य सेवाओं (Health Sector) को प्राथमिकता दे रही है. इस बात के संकेत सोमवार को जारी हुए नेशनल हेल्थ अकाउंट्स एस्टिमेट्स 2017-18 (National Health Accounts Estimates) से मिले हैं. रिपोर्ट में बताया गया है कि सरकार ने 2017-18 में कुल जीडीपी का 1.35 फीसदी हिस्सा स्वास्थ्य पर खर्च किया है. जबकि, 2013-14 में यह आंकड़ा 1.15 फीसदी पर था. वहीं, स्वास्थ्य क्षेत्र में हुए कुल खर्चों में सरकार का खर्च 2013-14 में 28.6 फीसदी से बढ़कर 2017-18 में 40.8 फीसदी रहा.
रिपोर्ट के अनुसार नागरिकों का प्रति व्यक्ति स्वास्थ्य खर्च घटकर 2017-18 में 2,097 रुपये रहा जो 2013-14 में 2,336 रुपये था. आंकड़े जारी करने वाले केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने इस बात पर जोर दिया कि 2017-18 के लिए NHA का अनुमान साफतौर पर दिखाता है कि कुल जीडीपी में सरकार का स्वास्थ्य सेवाओं पर खर्च बढ़ा है. उन्होंने कहा, ‘यह 2013-14 में 1.15 फीसदी से बढ़कर 2017-18 में 1.35 फीसदी हो गया है.’
प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष खर्च 2013 औऱ 2017-18 के बीच 1,042 रुपये से बढ़कर 1,753 रुपये हो गया है. हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अन्य देशों की तुलना में स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति खर्च के मामले में भारत का प्रदर्शन काफी खराब है. अकाउंट्स में कहा गया है कि सरकार के स्वास्थ्य क्षेत्र में जिस प्रकार इजाफा हो रहा है, वह सही दिशा में जा रहा है, क्योंकि प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं पर ज्यादा जोर दिया जा रहा है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 4 सालों में स्वास्थ्य पर प्रति व्यक्ति सरकारी खर्च में 68 फीसदी की बढ़त हुई है.
रिपोर्ट के अनुसार, मौजूदा सरकार के प्राथमिक स्वास्थ्य का खर्च 2013-14 में 51.1 फीसदी से बढ़कर 2017-18 में 54.7 फीसदी हो गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार का सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार को लेकर प्रयास का सकारात्मक असर दिख रहा है. लोगों का स्वास्थ्य सेवाओं पर अपनी जेब से खर्च 2017-18 में घटकर 48.8 प्रतिशत रहा जो 2013-14 में 64.2 प्रतिशत था. रिपोर्ट के अनुसार, कुल स्वास्थ्य व्यय 2013-14 में छह प्रतिशत था जो 2017-18 में बढ़कर करीब नौ प्रतिशत हो गया. कहा गया है कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में विदेशी मदद 0.5 फीसदी पर आ गई है, जो भारत की आर्थिक आत्मनिर्भरता को दिखाती है.