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संसद के शीतकालीन सत्र से एक दिन पहले होगी सर्वदलीय बैठक, पीएम मोदी भी हो सकते हैं शामिल.

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संसद का शीतकालीन सत्र (Parliament Winter Session) 28 नवंबर से शुरू होने जा रहा है. इससे एक दिन पहले 28 नवंबर यानी रविवार को सर्वदलीय बैठक (All Marty Meeting) होगी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो यह बैठक रविवार को सुबह 11 बजे होगी. माना जा रहा है कि इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) भी शामिल हो सकते हैं. इस बैठक में शीतकालीन सत्र के दौरान संसद को ठीक प्रकार से चलाने के लिए विपक्षी दलों के साथ चर्चा हो सकती है. फिलहाल अभी प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है कि पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक में शामिल होंगे या फिर नहीं.

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसबंर तक चलेगा. लोकसभा सचिवालय के एक आधिकारिक विज्ञप्ति में जानकारी दी गई है कि सत्रहवीं लोकसभा का सातवां संसद सत्र सोमवार 29 नवंबर से शुरू होगा और इसके समाप्त होने की संभावना 23 दिसंबर तक है.
कृषि कानूनों पर सरकार को घेर सकती है विपक्ष
संसद के शीतलकालीन सत्र में एक बार फिर से शोर मचने की संभावना है. विपक्षी दल सरकार के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के मुद्दे को भी इस सत्र में उठा सकती हैं. जहां एक तरफ विपक्षी पार्टियां सरकार को संसद के अंदर घेरने का प्लान कर रही हैं तो वहीं किसान भी रणनीति बना कर संसद के बाहर सरकार को घेरने को तैयार हैं. किसान संगठनों ने 29 नवंबर को संसद तक मार्च निकालने की भी घोषणा की है.
राहुल गांधी ने लिखा किसानों को खुला पत्र
कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब विपक्षी दल और किसान एमएसपी के मुद्दे पर सरकार से सवाल कर रहे हैं. कृषि कानूनों की वापसी के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों को खुला पत्र लिखकर कहा था कि किसान भाइयों अभी संघर्ष खत्म नहीं हुआ है, एमएसपी का मुद्दा अभी भी पहले जैसा है. किसानों की मांग के साथ साथ विपक्ष लगातार बढ़ती मंहगाई पर भी सरकार को घेरने का प्लान बना रही है.

ईडी और सीबीआई का भी उठ सकता है मुद्दा
संसद का मानसून सत्र विवादास्पद कृषि कानूनों के साथ साथ दूसरे कई मुद्दों को लेकर विपक्ष के शोर-शराबे और हंगामें की बलि चढ़ गया था. पिछले हफ्ते, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन में लगातार हो रहे हंगामें और व्यवधान का मुद्दा भी उठाया था. उन्होंने विधायकों को आत्म अनुशासन विकसित करने के लिए राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करने की अपील की थी. माना जा रहा है कि विपक्ष इस संसद सत्र में ईडी और सीबीआई निदेशकों के कार्यकाल को बढ़ाने पर भी चर्चा कर सकता है.