बच्चों में वैक्सीन (Children Vaccine) जांच की प्रक्रिया काफी लंबी और जटिल है. बच्चों में वैक्सीन ट्रायल (Vaccine Trial) के दौरान माता-पिता को ये बात समझानी पड़ती है कि उनके बच्चे का कई बार ब्लड सैंपल (Blood Sample) लिया जाएगा और उन्हें कई जटिल प्रक्रियाओं से गुजराना होगा. ये बात सुनने में जितनी आसान लग रही है, डॉक्टरों के लिए उतनी ही मुश्किल साबित होती है. कई बार जब डॉक्टर बच्चों के माता-पिता को वैक्सीन ट्रायल की प्रक्रिया के बारे में समझाते हैं तो उन्हें बुरा भला कहा जाता है. डाक्टरों को ये बात समझानी पड़ती है कि अगर ट्रायल के दौरान किसी बच्चे की मौत हो जाती है तो बच्चे का मेडिकल इंश्योरेंश उन्हें दिया जाएगा.
हालांकि Covid-19 कोरोना वैक्सीन का बच्चों पर किया जाने वाला ट्रायल डॉक्टरों के लिए काफी आसान रहा. इसका सबसे बड़ा कारण ये था कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मचे कोहराम के बाद से लोग कोरोना की तीसरी लहर को लेकर काफी डरे हुए थे. तीसरी लहर को लेकर विशेषज्ञों ने पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी कि कोरोना की तीसरी लहर में बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. बता दें कि बच्चों की कोरोना वैक्सीन को लेकर 6 जगह पर ट्रायल चल रहा है. इसमें भारत बायोटेक की बच्चों की कोवैक्सिन, बायोलॉजिकल ई की कॉर्बेवैक्स और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोवोवैक्स की जांच चल रही है. इन सभी कंपनियों के विशेषज्ञ ये मानते हैं कि बच्चों की वैक्सीन ट्रायल, वयस्कों के वैक्सीन ट्रायल की तुलना में काफी कठिन है.
ओडिशा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज के विशेषज्ञ डॉक्टर वेंकट राव ने बताया कि बच्चों की वैक्सीन ट्रायल में सबसे ज्यादा बच्चे के परिवार को समझाने में आती है. कभी मां इसके लिए राजी होती है तो कभी पिता और अगर कभी दोनों राजी हो जाते हैं तो उनके दादा-दादी राजी नहीं होते. राव ने कहा, कि पांच साल पहले उनकी टीम को हेक्सावैलेंट वैक्सीन के परीक्षण के लिए 108 बच्चों की भर्ती करनी थी लेकिन हमने केवल 9 की भर्ती की. ट्रायल के लिहाज से ये नंबर भी अच्छा था.
बच्चों के लिए परीक्षण के दौरान सबसे बड़ी दिक्कत 2 से 10 साल के बच्चों में ब्लड सैंपल लेने में आती है. कोवैक्सिन और कॉर्बेवैक्स दोनों के लिए बच्चों पर परीक्षण करने वाले ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के डॉक्टर अनिल पांडे ने बताया कि ट्रायल के दौरान बच्चों को बार-बार इंजेक्शन लगाया जाता है, जिससे पता लगाया जा सके वैक्सीन काम कर रही है, बच्चों को स्वास्थ्य से जुड़ी कोई दिक्कत नहीं है. इस प्रक्रिया के दौरान बच्चे कई बार रोते हैं, जिसे देखकर उनके माता-पिता असहज हो जाते हैं.