यूपी के लखीमपुर खीरी में हिंसा मामले में यूपी पुलिस ने शनिवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को गिरफ्तार कर लिया है. आशीष मिश्र उर्फ मोनू शनिवार सुबह 10 बजकर 40 मिनट पर क्राइम ब्रांच के सामने पेश हुआ था. सूत्रों के मुताबिक, बंद कमरे के अंदर आशीष मिश्रा से करीब 32 सवाल दागे गए. तिकुनिया कांड के मुकदमे में दर्ज मुकदमे में मुख्य आरोपी बनाए गए आशीष मिश्रा उर्फ मोनू को पुलिस के कई सिलसिलेवार सवालों के जवाब देने पड़ गए. सूत्रों ने बताया कि पुलिस की जांच टीम का सबसे प्रमुख सवाल यही था 3 अक्तूबर रविवार को दोपहर 2:20 बजे से लेकर 3:46 बजे तक कहां थे? क्योंकि इस दौरान आशीष के पास कोई भी वीडियो नहीं था.
सूत्रों के अनुसार वह पूछताछ के दौरान सवालों के जवाब ठीक से नहीं दे पाए. वह यह वीडियो भी पेश नहीं कर पाया कि वह दंगल में अपने पिता के साथ था. इसके बाद वह गोलमोल जवाब देने लगा. इसके बाद वह यह भी साबित नहीं कर पाया कि उसकी गाड़ी में कारतूस में कहां से आया. वह इसका जवाब भी नहीं दे पाया। इसके बाद देर रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया. दंगल के अखाड़े वाले वीडियो 2:20 से पहले के थे. 3:46 के बाद वाले वीडियो मंच पर अपने पिता गृह राज्यमंत्री के साथ के थे.
ग्रामीणों के हलफनामे साबित हुए झूठे
जबकि घटना का समय 3 बजकर 3 मिनट था जिसकी तस्दीक मोबाइल से बने वीडियो से हो रही थी. यहां अटकने पर आशीष ने अपने पक्ष में कई लोगों के हलफ़नामे दिए जिनमें आशीष के दंगल में होने की बात थी, लेकिन वो हलफ़नामे झूठे साबित हो गए.बस यहीं पर फंस गया था आशीष. बताया जा रहा है कि घटना के बाद आशीष के अपनी राईस मिल पर जाने की बात की भी पुष्टि हो गई थी. कई लोगों के बयानों में आशीष के थार जीप चलाने की बात सामने आई थी. एसआईटी के पूछने पर आशीष ने बताया कि थार जीप उसका ड्राईवर हरिओम चला रहा था. हरिओम की इस घटना में मौत हो चुकी है. मारे गए ड्राइवर हरिओम की फोटो बनी अहम सबूत.
हर सवाल का एक ही जवाब
एसआईटी ने आशीष को पोस्टमार्टम के दौरान हरिओम को पीले रंग की धारीदार शर्ट पहने हुए दिखाया. जबकि वायरल वीडियो और फोटो में थार जीप का ड्राइवर सफेद शर्ट में देखा जा सकता है. घटना के दिन सफेद शर्ट में आशीष मिश्रा था. इस सबूत और तर्क का भी कोई जवाब आशीष नहीं दे पाया. थार जीप से मिले 315 बोर के दो मिस कारतूसों के सवाल पर चेहरे का रंग फीका पड़ गया. अपने तर्कों और सबूतों को कमज़ोर होता देख आशीष ने जांच में सहयोग बंद कर दिया. जिसके बाद एसआईटी प्रमुख डीआईजी उपेंद्र अग्रवाल ने आशीष को गिरफ्तार कर लिया.