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किराए का मकान, साधारण परिवार- 21 हजार करोड़ के हेरोइन की तस्करी करने के आरोपी पति-पत्नी की कहानी

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पिछले दिनों गुजरात के कच्छ जिले में स्थित मुंद्रा बंदरगाह में हेरोइन की ज़ब्ती (Mundra Port Drug Haul) ने हर किसी को हैरान कर दिया. दो कंटेनरों से करीब 3,000 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई. भारत में एक बार में हुई हेरोइन की ये सबसे बड़ी जब्ती थी. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत करीब 21,000 करोड़ रुपये आंकी गई, लेकिन इस हेरोइन की तस्करी से जुड़े आरोपी परिवार के बारे में जान कर आपको हैरानी होगी. इस मामले में चेन्नई से एक दंपती को गिरफ्तार किया गया. ये दोनों एक अपार्टमेंट में बेहद मिडिल क्लास फैमली की तरह रहते थे. इनका लाइफस्टाइल जानकर यकीन नहीं करेंगे कि ये दोनों इतने बड़े ड्रग्स के कारोबार से जुड़े थे. फिलहाल ये दोनों जांच एजेंसी की गिरफ्त में हैं.

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ये दंपती चेन्नई के कोलापक्कम में वीओसी स्ट्रीट पर गोवर्धन गिरी अपार्टमेंट में रहते थे.अखबार को इसी अपार्टमेंट में रहने वाली एक महिला ने बताया, ’17 सितंबर की सुबह मैं अपने दरवाजे पर रंगोली बना रही थी. तभी बगल वाले फ्लैट में बहुत सारे लोगों को देख कर मैं हैरान रह गई. मुझे लगा कि आम तौर पर शांत पड़ोसी मचावरम सुधाकर और पत्नी गोविंदराजू दुर्गा पूर्ण वैशाली के घर ढेर सारे मेहमान आए हैं, लेकिन बाद में मुझे पता चला कि इसका कनेक्शन हेरोइन जब्ती से है. वहां ढेर सारे जांच अधिकारी पहुंचे थे.’

कैसा है परिवार?
बता दें कि जिन कंटेनरों से हेरोइन जब्त किए गए थे वो आशी ट्रेडिंग कंपनी के नाम से रजिस्टर्ड थे. कहा जा रहा है कि इस कंपनी को एम. सुधाकर और उनकी पत्नी जी. दुर्गा पूर्णा वैशाली चलाते हैं. ये दोनों चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास कोलापक्कम में किराए एक प्लैट में रहते हैं. इनके 11 और 6 साल के दो बच्चे हैं. अब ये दोनों बच्चे अपने चाचा के पास चले गए हैं. यहां के लोगों को कहना है कि ये दोनों पिछले 6 साल से रह रहे हैं और इनके फ्लैट का किराया 10 हज़ार रुपये है.