अमेरिका (America) के न्यूयॉर्क शहर (New York) में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक (SAARC Meeting) का आयोजन होगा. इसमें भारत (India) और पाकिस्तान (Pakistan) के विदेश मंत्री भी शामिल होंगे. यह बैठक 25 सितंबर की दोपहर के लिए प्लान की जा रही है. इसमें विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) और पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी एक ही छत के नीचे मौजूद होंगे.
लेकिन सूत्रों ने साफ किया है कि सार्क बैठक के दौरान भारत-पाकिस्तान के बीच कोई बातचीत या शिष्टाचार मुलाकात नहीं होगी. पिछले साल यह बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई थी. सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस मंच से पाकिस्तान का नाम लिए बिना विदेश मंत्री एस जयशंकर क्षेत्र में आतंकवाद के मुद्दे पर भारत की चिंता जताएंगे.
साथ ही अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद सार्क के मंच से भी विदेश मंत्री भारत का रुख रखेंगे. बता दें कि एससीओ सम्मेलन के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन और नई व्यवस्था की मान्यता पर फैसला अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सोच समझकर और सामूहिक तरीके से लेना
चाहिए.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन बिना बातचीत के हुआ है जो नई व्यवस्था की स्वीकृति पर सवाल खड़े करता है.
सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में कुरैशी फिर करेंगे ड्रामा?
इससे पहले हुई सार्क बैठकों के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ड्रामा करते नज़र आए हैं. अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद, सितंबर में हुई सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक में तनाव साफ नज़र आया. विदेश मंत्री जयशंकर के संबोधन के दौरान पाकिस्तान के विदेश मंत्री बैठक से गायब रहे. कुरैशी ने इसे अपनी तरफ से भारत के बायकाट का तरीका करार दिया.
2019 की बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने सीमा पार से जारी आतंकवाद का मुद्दा उठाया था. साथ ही विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सार्क के सामने तीन सबसे बड़ी चुनौतियां सीमापार से आतंकवाद, व्यापार में बाधा, कनेक्टिविटी में रुकावट हैं, जिनका समाधान किया जाना चाहिए.
वहीं 2018 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सार्क विदेश मंत्रियों की बैठक से अपना संबोधन खत्म करने के तुरंत बाद चली गई थीं, जिसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी बौखला गए थे