मध्य प्रदेश में बिजली संकट (Power Crisis) को लेकर छिड़ी सियासत के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बड़ा बयान सामने आया है. मुख्यमंत्री ने माना है कि प्रदेश में बिजली का संकट खड़ा है. नर्मदा के बांध खाली होने के कारण पानी से पन बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है. कोयले की खदान में पानी भरा हुआ है इसलिए कोयले की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है. यही दो वजह हैं जिसके कारण बिजली कम पड़ गयी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कभी ऐसा मौका आ जाता है. ऐसी परिस्थितियां बन जाती हैं लेकिन सरकार वैकल्पिक बिजली जुटाने में लगी है. जनता को पर्याप्त मात्रा में बिजली दी जाएगी. कोल कंपनी की देनदारियों को भी दूर किया जाएगा और कोल कंपनी की बकाया राशि का भुगतान होगा.
प्रकृति के शोषण का दुष्परिणाम
राजधानी के मिंटो हाल में आयोजित सोलर एनर्जी प्लांट लेटर ऑफ अवार्ड के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा क्लाइमेट चेंज तेजी के साथ हो रहा है. प्रदेश के 17 जिले कम बारिश के कारण सूखे की चपेट में हैं. जबकि ग्वालियर चंबल में जमकर बारिश और बाढ़ का सामना करना पड़ा. प्रकृति का जो शोषण हुआ है उसके दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं. एक तरफ सूखा पड़ रहा है तो दूसरी तरफ बाढ़ आई है.
सोलर एनर्जी में निवेश की अपील
सीएम ने कहा सोलर एनर्जी में निवेश के लिए प्रदेश में उपयुक्त स्थान है. छतरपुर मुरैना में भी सौर प्लांट लगाने की तैयारी हो रही है. ओंकारेश्वर में सौर ऊर्जा प्लांट लगाया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा निवेशकों को प्रदेश में कोई दिक्कत आड़े नहीं आने दी जाएगी. एक टेबल पर बैठकर समाधान कर दिया जाएगा. सीएम ने कहा हम सोलर ग्रिड बनाने की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने निवेशकों से सोलर पैनल बनाने के लिए भी आगे आने की अपील की. मुख्यमंत्री ने कहा सोलर पैनल बनाने के लिए निवेशकों को आगे आना चाहिए.
लेटर ऑफ अवॉर्ड वितरित
आगर, शाजापुर और नीमच जिले में 1500 मेगावाट क्षमता की सौर परियोजनाओं की स्थापना की जा रही है. मुख्यमंत्री ने उसके निवेशकों को लेटर ऑफ अवार्ड दिये.