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MP में निजी स्कूल संचालकों को फीस सार्वजनिक करने का निर्देश, 03 Sep तक का मिला वक्त

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मध्यप्रदेश में स्कूलों की मनमनी फीस वसूली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लगाम लगने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद निजी स्कूलों को फीस सार्वजनिक करनी होगी. स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलो को फीस सार्वजिनक करने निर्देश जारी किए है. फीस सार्वजनिक करने के लिए निजी स्कूलों को 03 सितंबर तक का समय दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने 2 सप्ताह का दिया स्कूल शिक्षा विभाग को
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को दो हफ्ते का समय दिया है. 15दिन यानी दो हफ्ते के भीतर स्कूल शिक्षा विभाग को निजी स्कूलों से स्कूल फीस की जानकारी लेकर सार्वजनिक करनी है. जिसमें स्कूल संचालकों को बताना होगा कि कोरोना काल के दौरान पहली से लेकर कक्षा बारहवीं तक के छात्र-छात्राओं से कितनी और किस-किस मदमें फीस ली गई है. स्कूल,खेलकूद,वार्षिक कार्यक्रम, लाइब्रेरी और सांस्कृतिक एक्टिविटी समेत अन्य तरह की फीस भी इन सभी में शामिल होगी.

स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूलों को 3 सितंबर तक का दिया समय
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद स्कूल शिक्षा ने निजी स्कूल संचालकों को निर्देश जारी किए हैं. स्कूल शिक्षा विभाग ने निजी स्कूल संचालकों को फीस वसूली का पूरा ब्यौरा देने 8 दिन का समय दिया है. निजी स्कूल संचालकों को 3 सितंबर तक अनिवार्य रूप से फीस की पूरी जानकारी स्कूल शिक्षा विभाग को देनी होगी. कोरोना काल में छात्र छात्राओं से ली गई फीस का पूरा ब्यौरा स्कूल शिक्षा विभाग के एजुकेशन पोर्टल पर निजी स्कूल संचालकों को अपलोड करना है. 3 सितंबर तक एजुकेशन पोर्टल पर फीस का पूरा ब्यौरा अपलोड होगा. 4 सितंबर के बाद अभिभावकों के साथ सभी लोग एजुकेशन पोर्टल पर फीस का पूरा लेखा-जोखा देख सकेंगे.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल शिक्षा विभाग को जानकारी सार्वजनिक करने का आदेश जारी किया है. शासन को यह जानकारी लेकर दोहफ्ते के भीतर ऑनलाइन करना होगा. सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय हाई कोर्ट द्वारा स्कूलों को सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के फैसले को लेकर किया है. पालक संघ मध्यप्रदेश ने निजी स्कूलों की मनमानी फीस को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. सबसे बड़ी बात कि यह डबल बेंच का फाइनल आदेश है, इसमें सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश सीधे सरकार को दिए हैं.