छत्तीसगढ़ के दुर्ग में पिछले दो महीने से लगातार हो रहे अपराधों ने जिलेवासियों को चिंता में डाल दिया है. वीवीआईपी जिला कहलाने वाले दुर्ग (Durg) में कई हत्या, लूट, अपहरण (Kidnapping), गोलीकांड और दिनदहाडे़ डकैती का प्रयास जैसी कई बड़ी घटनाएं हुई हैं. यही नहीं, इन घटनाओं की वजह से पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. हालांकि इनमें से कई अपराधों को पुलिस सुलझाने में सफल रही है, लेकिन वीवीआईपी जिले में अपराध होना किसी को पच नहीं रहा है. बता दें कि दुर्ग में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) समेत 4 मंत्रियों का निवास है
बहरहाल, दिनदहाडे़ डकैती का प्रयास, रहवासी ईलाके में बेधड़क गोली चलाने की वारदात और निमर्म हत्याओं के अलावा छोटे अपराधों से मानों पुलिस का पूरा रजिस्टर भरा हुआ है. इन अपराधों ने लोगों को चिंता में डाल दिया है. वहीं, ऐसा लग रहा है कि अपराधियों को पुलिस का भय नहीं है. शायद यही वजह है कि शांत कहलाने वाले भिलाई दुर्ग में एक के बाद एक ऐसे अपराध घटित हो रहे हैं जिसकी शायद लोगों ने कल्पना नहीं की थी.
अपराधियों के हौसले हैं बुलंद
दुर्ग जिले में प्रशांत अग्रवाल के नए एसपी का पदभार ग्रहण करते ही अपराधियों ने उनका स्वागत नेवई क्षेत्र में 5 जुलाई को गोली चलाकर किया. इसके बाद जुलाई से लेकर 24 अगसत तक कई बड़ी वारदातें हुई हैं. इनमें मणप्पुरम गोल्ड में दिनदहाडे़ डकैती का प्रयास, हाईवे पर लूट जैसे कई अपराध शामिल हैं. वहीं, जिले में जुलाई में ठगी धोखाधडी के 16 मामले सामने आए जिसमें चिटफंड का मिलाकर करीब 200 करोड से अधिक की ठगी हुई. इसके अलावा दुष्कर्म की 6 घटनाएं हुईं, तो धारदार हथियार से भय दिखाकर तीन लोगों को लूट लिया गया. जबकि 4 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई.
इतना ही नहीं शहर में नकली नोट छपने का भी खुलासा हुआ है, जो कि कई साल से छप रहे थे. वहीं, जिले अवैध हथियारों का आवागमन होता रहा और पुलिस को भनक तक नहीं लगी. बता दें कि दुर्ग में मुख्यमंत्री सहित 4 मंत्रियों का निवास है, लेकिन लगातार हो रहे अपराध ने वीवीआईपी जिले में सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है. हालांकि पुलिस प्रशासन इन अपराधों को रोकने के लिए पूरा प्रयास कर रहा है.