इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल कदीमी (Mustafa Al-Kadhimi) आधिकारिक यात्रा पर अमेरिका (US) पहुंचे थे. जब वे बीते हफ्ते बगदाद लौटे, तो अपने साथ 17 हजार कलाकृतियां भी ले आए. यह कृतियां एक संग्रहालय और एक आइवी लीग यूनिवर्सिटी की तरफ से लौटाई गई हैं. युद्धकाल में लूटी गई कलाकृतियों की इसे अब तक की सबसे बड़ी वापसी कहा जा रहा है. हाल ही में ऑस्ट्रेलिया के म्यूजियम ने भी भारत से चोरी हुईं कुछ पुरानी वस्तुएं लौटाने का फैसला किया था.
इनमें से 12 हजार वस्तुएं म्यूजियम ऑफ बाइबिल में रखी हुई थीं, जिसकी स्थापनी एक ईसाई परिवार ने चार साल पहले वॉशिंगटन में की थी. यह परिवार हॉबी लॉबी क्राफ स्टोर चेन का मालिक भी है. चार साल पहले अमेरिका के न्याय विभाग ने हॉबी लॉबी पर 30 लाख डॉलर का जुर्माना लगाया था. आरोप था कि 5 हजार से ज्यादा कलाकृतियों के अधिग्रहण में ठीक तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया था.
द न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में इराक के संस्कृति मंत्री हसन नदीम ने बताया, ‘यह केवल हजारों टैबलेट्स के इराक वापस आने के बारे में नहीं है, यह इराक के लोगों के बारे में है. यह केवल टैबलेट ही नहीं बल्कि इस मुश्किल दौर में इराक की पहचान को बढ़ाकर और समर्थन कर इराक के लोगों का आत्मविश्वास भी दोबारा स्थापित करता है.’ बीते मंगलवार को बगदाद पहुंचे इस सामान में मिट्टी की टैबलेट और मुहरें हैं. कहा जा रहा है कि ये मेसोपोटामिया सभ्यता की हैं. मेसोपोटामिया को दुनिया की सबसे शुरुआती सभ्यता में गिना जाता है. इराक के संस्कृति मंत्रालय ने इसे अपनी निगरानी में ले लिया है.
भारत को भी मिली थी सफलता
ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू के मुताबिक, द नेशनल गैलरी ऑफ ऑस्ट्रेलिया एक बदनाम अंतरराष्ट्रीय डीलर से जुड़ी 14 प्राचीन वस्तुएं लौटाएगी. संग्रहालय अपने एशियन आर्ट कलेक्शन में शामिल लूटी हुईं वस्तुओं को हटाने के लिए अभियान चला रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, निदेशक निक मित्जेविच ने कहा कि न्यूयॉर्क के कुख्यात डीलर सुभाष कपूर से खरीदी हुईं 13 वस्तुओं को भारत सरकार को लौटाया जाएगा. इसमें 1989 में प्राप्त वस्तु भी शामिल है. डीलर कपूर को 2011 में चोरी के षड्यंत्र के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और भारत में ट्रायल का इंतजार कर रहा है. अमेरिका में अभियोजक उसे प्रत्यर्पित करना चाहते हैं. इसके अलावा ब्रिटेन के एक शख्स नील पैरी स्मिथ पर भी इसी तरह का मामला दर्ज हुआ है.