राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) ने बृहस्पतिवार को झारखंड और बिहार के 17 लोगों के खिलाफ एक विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर(Charge Sheet Filed) किया. ये सभी 17 लोग कथित तौर पर हत्या, रंगदारी और प्रतिबंधित पीएलएफआई (PLFI) की आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों के विस्तार के लिए धन जुटाने की साजिश में शामिल रहे हैं. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. आरोपपत्र में सुजीत सिन्हा, अमन साहू, प्रदीप गंझू, संतोष गंझू, बिहारी गंझू, सकेंदर गंझू, प्रमोद गंझू, बाबूलाल तुरी, अजय तुरी, संतोष कुमार, प्रभात कुमार यादव, प्रीतम कुमार, संतोष कुमार यादव, जसीम अंसारी, वसीम अंसारी, मजीबुल अंसारी और जहीरुद्दीन अंसारी को नामजद किया गया है.
उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं. झारखंड के लातेहार में दिसंबर 2020 में दर्ज किया गया यह मामला सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड के तेतारियाखार कोलियरी में एक आतंकवादी कृत्य से संबंधित है. हमलावरों ने चार ट्रक और एक मोटरसाइकिल में आग लगा दी थी, जिसमें चार नागरिक घायल हो गए थे. एनआईए ने मार्च में मामला फिर से दर्ज किया और जांच अपने हाथ में ले ली थी. एनआईए के एक अधिकारी ने बताया कि गैंगस्टर सुजीत सिन्हा और अमन साहू ने कुख्यात गैंगस्टर शाहरुख और प्रदीप गंझू के साथ-साथ आतंकी संगठनों तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) और पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के कई सदस्यों के साथ मिलकर हत्या, जबरन वसूली और उनकी आपराधिक और आतंकवादी गतिविधियों के विस्तार के लिए धन जुटाने की साजिश रची थी.
मामले में आगे की जांच जारी है
उन्होंने बताया कि पीएलएफआई कोयला परिवहन क्षेत्रों में लक्षित हत्या और आतंक पैदा करने के लिए एके-47 राइफल सहित उन्नत स्वचालित हथियार खरीद रहा है. एनआईए अधिकारी ने बताया कि धनबाद और रांची की जेलों से इन नापाक गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश रची जा रही है. मामले में आगे की जांच जारी है.