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शांति पर सहमति बनने के बाद असम ने हटाईं मिजोरम यात्रा के लिए पाबंदियां

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असम और मिजोरम (Assam-Mizoram) के प्रतिनिधियों ने गुरुवार को आईजोल में बातचीत की और अंतर-राज्यीय सीमा विवाद को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाने पर सहमत हुए. अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि असम सरकार ने मिजोरम की यात्रा के खिलाफ पहले जारी की गई एक एडवाइजरी को रद्द करने का भी फैसला किया है.

दोनों राज्यों ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि दोनों राज्य की सरकारें शांति बनाए रखने के लिए सहमत हुई हैं और इस संबंध में केंद्रीय बलों की तैनाती के कदम का उन्होंने स्वागत किया है. इसके लिए, दोनों राज्य अपने-अपने वन और पुलिस बलों को गश्त, दबाव बनाने या किसी भी क्षेत्र में नए सिरे से तैनाती के लिए नहीं भेजेंगे, जहां हाल के दिनों में दोनों राज्यों के पुलिस बलों के बीच टकराव हुआ था. इसमें असम-मिजोरम सीमा के साथ असम के करीमगंज, हैलाकांडी और कछार जिलों और मिजोरम के ममित और कोलासिब जिलों में ऐसे सभी क्षेत्र शामिल होंगे.

इस संयुक्त बयान पर असम के सीमा सुरक्षा और विकास मंत्री अतुल बोरा और विभाग के कमिश्नर और सेक्रेटरी जीडी त्रिपाठी ने हस्ताक्षर किए हैं. वहीं मिजोरम के लालचमलियाना और गृह सचिव वनलालंगाथसका ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं.

दोनों राज्यों ने जताई सहमति
असम के मंत्री अशोक सिंघल द्वारा ट्विटर पर साझा किए गए बयान में कहा गया है, “असम और मिजोरम की सरकारों के प्रतिनिधि असम और मिजोरम, विशेषकर सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के बीच शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने, संरक्षित करने और बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक उपाय करने के लिए सहमत हैं.”

26 जुलाई को दो पूर्वोत्तर पड़ोसियों के बीच अंतर-राज्यीय सीमा संघर्ष में अब तक असम पुलिस के छह जवानों ने जान गंवाई है और कछार एसपी सहित 50 से अधिक लोग घायल हो गए. दोनों राज्यों ने भी घटना में मारे गए लोगों की मौत पर शोक व्यक्त किया और प्रार्थना की. साथ ही घायल व्यक्तियों के जल्द स्वस्थ होने की कामना भी की.

मिजोरम के मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया असम सरकार और मिजोरम सरकार ने गुरुवार को सफलतापूर्वक एक संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर किए. दोनों सरकारें मौजूदा तनाव को दूर करने और चर्चा के माध्यम से स्थायी समाधान खोजने के लिए गृह मंत्रालय की पहल को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हैं.