झारखंड की हेमन्त सरकार को गिराने की साजिश प्रकरण में तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद रोज नये, नये पत्ते खुल रहे हैं। पकड़े गये लोगों में फल-सब्जी बेचने वाला, दिहाड़ी मजदूर और किराना दुकान चलाने वाले का नाम आने और महज दो लाख रुपये की बरामदगी के बाद पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठ रहा था। मगर स्वीकारोक्ति बयान और आरोप-प्रत्यारोप के सिलसिले के बीच नई नई बातें आ रही हैं।
वैसे पूरे प्रकरण में प्रदेश कांग्रेस बैकफुट पर है। बोर्ड निगम, आयोग और बीस सूत्री समितियों में स्थान को लेकर सरकार पर दबाव बनाने वाली कांग्रेस खुद के बचाव की मुद्रा में आ गई है। निर्दलीय विधायक अमित यादव के साथ प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ इरफान अंसारी और कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला का नाम आने के बाद कांग्रेस सफाई की मुद्रा में है। मंत्री बनने की रेस में शामिल रहे कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने जब कहा कि उन्हें पूर्व में ही मंत्री बनाने और बहुत बड़ी राशि का ऑफर मिला था। के बाद असंतुष्ट चल रहे कांग्रेस के दूसरे विधायक भी शक के दायरे में आ गये हैं। हालांकि कोंगाड़ी ने कहा कि ऑफर के तत्काल बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक को घटना की जानकारी दे दी थी। कोंगाड़ी ने अपना मुंह मीडिया के सामने तब खोला जब एक आरोपी के साथ कोंगाड़ी की तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई। बेरमो से कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह ने रांची पुलिस को किन परिस्थितियों की इसकी लिखित सूचना दी इस पर भी सवाल उठ रहे हैं। बहरहाल कांग्रेस नेतृत्व का ध्यान इस तरफ पूरी तरह केंद्रित हो गया है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह ने इस मसले पर प्रदेश नेतृत्व से जानकारी मांगी है, जल्द ही रांची आकर वे इस मसले पर विमर्श करने वाले हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और विधायक दल के नेता आलमगीर आलम विधायकों से संपर्क कर सूचनाएं जुटा रहे हैं कि कब किसने संपर्क किया, क्या ऑफर दिया। 28 जुलाई को कांग्रेस विधायक दल की बैठक होने वाली है, उसमें हंगामा के आसार हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने आउटलुक से कहा कि मामला गंभीर है, पुलिस अभी जांच कर रही है, लगातार नये तथ्य सामने आ रहे हैं। अभी कुछ बोलना ठीक नहीं है। वैसे कांग्रेस के सभी विधायक एकजुट हैं। लगातार वे हमारे संपर्क में हैं। सरकार को कहीं से कोई खतरा नहीं है। पूरे प्रकरण में झारखण्ड पुलिस भी सवालों के घेरे में है। सरकार गिराने की साजिश, आरोपियों पर राजद्रोह का मुकदमा, तीन की गिरफ्तारी, दूसरे राज्यों से कनेक्शन के बावजूद राज्य के गृह सचिव, पुलिस महानिदेशक या इसी तरह के किसी बड़े पुलिस अधिकारी ने पक्ष तक नहीं रखा। बल्कि झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य घटना के दिन से लगातार काउंटर करते रहे, भाजपा पर हमलावर रहे।
पुलिस रेड में हवाई टिकट, राशि, स्वीकारोक्ति बयान में डील में शामिल दूसरे राज्य के नेताओं के नाम, होटल, गाड़ी का मॉडल तक स्पष्ट लिखा गया है मगर झारखण्ड के कौन-कौन विधायक साथ थे इसका खुलासा पुलिस नहीं कर रही है। खुद विधायक ही मीडिया की खबरों के बाद सामने आकर सफाई दे रहे हैं। किन विधायकों को ऑफर मिला था मीडिया में खुलकर बात सामने नहीं आई थी उसी समय डॉ इरफान अंसारी का बयान आ गया। 25 जुलाई को ही उनका बयान आया जिसमें साजिश के खुलासे की मांग करते हुए कहा कि कुछ असामाजिक और झारखण्ड विरोधी तत्व मेरी भूमिका को लेकर भ्रम फैलाने की साजिश कर रहे हैं। इससे आहत और क्रोधित हूं। अगले दिन पुन: कहा कि कांग्रेस के ही कुछ नेता उन्हें बदनाम करने में लगे हैं। वहीं बरही के कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने सफाई दी कि साजिश में मेरा नाम भी घसीटा जा रहा है। सिर्फ तीन विधायक मिलकर सरकार कैसे गिरा सकते हैं। बेरमो से कांग्रेस विधायक जयमंगल सिंह उर्फ अनूप सिंह द्वारा रांची के कोतबाली थाना को दिये लिखित आवेदन के बाद पुलिस रेस हुई। कोलेबिरा से कांग्रेस विधायक नमन विक्सल कोंगाड़ी ने भी अपना मुंह तब खोला जब पकड़े गये कथित ठेका मजदूर अमित सिंह के साथ उनकी तस्वीर वायरल हुई।
बता दें कि सरकार गिराने की साजिश के सिलसिले में रांची के होटल ली लेक में 22 जुलाई को रेड कर दो लाख रुपये, चार सूटकेस, हवाई जहाज के टिकट, कई मोबाइल फोन जब्त किया था। सब्जी-फल कारोबारी निवारण महतो, बोकारो स्टील में ठेका मजदूर अमित सिंह और किराना दुकान चलाने वाले अभिषेक दुबे को गिरफ्तार किया था। पकड़े गये लोगों के परिजनों ने तो इनके राजनीतिक कनेक्शन से सीधे तौर पर इनकार कर दिया था। इन पर आरोप है कि महाराष्ट्र के कुछ नेताओं के इशारे पर इन लोगों ने विधायकों की खरीद के लिए जाल बुना और तीन विधायकों को दिल्ली ले गये थे। पकड़े गये लोगों ने पुलिस को बताया है कि तीनों विधायक उनके साथ दिल्ली गये थे, वहां होटल विवांता में ठिके थे। बाद में ये कुछ बड़े नेताओं से मिलने चले गये थे। वहीं स्थानीय प्रभात खबर ने लिखा है अमित सिंह ने स्वीकारोक्ति बयान में पुलिस को बताया है कि पुलिस रेड के एक दिन पहले 21 जुलाई को रांची के एक रेस्टूरेंट में जयकुमार बेलखड़े (महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री चंद्रशेखर राव बावनकुल के भांजा ) ने फोन पर बुलाया था, उनके साथ अभिषेक दुबे और एक अन्य व्यक्ति भी था। इसे बाद एक विधायक से मिलने उसी शाम हजारीबाग सर्किट हाउस पहुंचा। जहां विधायक ने बातचीत में कहा कि हमारे सभी आठ विधायक तैयार हैं, चार और को देख लो। इधर छानबीन के लिए गठित विशेष टीम की अलग-अलग टोली दिल्ली, महाराष्ट्र जाकर कनेक्शन खंगालने में जुटी है। जांच टीम मुंबई, दिल्ली एयरपोर्ट, होटलों के सीसीटीवी फुटेज के साथ, झारखण्ड के कुछ ठिकानों से साक्ष्य जुटाने में लगी है। संबद्ध लोगों के मोबाइल लोकेशन भी जुटाये जा रहे हैं। इधर सोशल मीडिया पर एक दूसरे का पोल खोलने का भी सिलसिला चल रहा है। भाजपा के गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे और कांग्रेस विधायक अनूप सिंह के बीच ट्विटर वार चल रहा है। जल्द ही सरकार को अस्थिर करने की साशिज से कुछ और परतें हटेंगी।