विज्ञापन नियामक भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के अनुसार, महामारी के दौर में दिखाए गए कोविड-19 से संबंधित 332 विज्ञापनों में से केवल 12 वैज्ञानिक रूप से सही पाए गए हैं.
विज्ञापन नियामक भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के अनुसार, महामारी के दौर में दिखाए गए कोविड-19 से संबंधित 332 विज्ञापनों में से केवल 12 वैज्ञानिक रूप से सही पाए गए हैं. दरअसल, ASCI ने कोविड संबंधित कई अन्य श्रेणियों जैसे पेंट, परिधान, डिटर्जेंट, त्वचा की देखभाल, एसी, पंखे, वाटर प्यूरीफायर, प्लाईवुड और लैमिनेट्स, सप्लीमेंट्स- सभी को कैटेग्री में रख कर इसकी जांच की है. जानकारी के मुताबिक, आयुष मंत्रालय के एक निर्देश के बाद जिसमें ASCI को उन विज्ञापनों की पहचान करने के लिए कहा गया है जो 1 अप्रैल 2020 की उसकी सलाह का उल्लंघन कर रहे हैं.
237 आपत्तिजनक विज्ञापन की लिस्ट भेजी गई थी
विज्ञापन नियामक ने आयुष मंत्रालय को 237 आपत्तिजनक विज्ञापन की लिस्ट भेजी थी. जबकि 164 विज्ञापनों ने दावों का अनुपालन किया और सुधार किया वहीं, 73 कोविड संबंधित विज्ञापनों को अनुपालन न करने के कारण मंत्रालय द्वारा आगे की जांच और कार्रवाई की बात की गई.
एएससीआई की महासचिव मनीषा कपूर ने कहा, “ऐसे दौर में जब उपभोक्ता की कमजोरियां अपने स्तर पर थीं ऐसे में कई ब्रांडों ने इसका लाभ उठाया और बिना किसी सबूत के अपने माल को बेचने की कोशिश की.
एएससीआई उपभोक्ता शिकायत परिषद (सीसीसी) ने शिक्षा क्षेत्र में 1,406 शिकायतों, खाद्य और पेय विज्ञापनों के खिलाफ 285 शिकायतों और व्यक्तिगत देखभाल से संबंधित 147 शिकायतों पर भी कार्रवाई की. इसके अलावा, 364 विज्ञापन, प्रथम दृष्टया, द ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट का उल्लंघन करते हुए पाए गए. नियामक ने वित्त वर्ष २०११ में कुल ६,१४९ शिकायतों पर कार्रवाई की।