विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित होने को लेकर सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को सदन में कहा ”हम दिन पर दिन असहाय होते जा रहे हैं।”
गौरतलब है कि पेगासस जासूसी, तीन कृषि कानूनों सहित विभिन्न मुद्रों पर सदन में लगातार हंगामा होने की वजह से संसद के मानसून सत्र की पिछले सप्ताह शुरूआत होने के बाद से अब तक, कोविड महामारी के प्रबंधन पर चार घंटे की चर्चा के अलावा अन्य कोई कामकाज नहीं हो पाया है। आज भी हंगामे की वजह से उच्च सदन की कार्यवाही बाधित हुई और शून्यकाल नहीं चल पाया।
हंगामा कर रहे सदस्यों को शांत करने का प्रयास कर रहे सभापति ने कहा ”हम दिन पर दिन असहाय होते जा रहे हैं। ” उन्होंने कहा कि शून्यकाल और विशेष उल्लेख के जरिये, जनहित से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने की अनुमति दी जाती है लेकिन ”सदन में कामकाज नहीं हो पा रहा है… सदस्यों को अवसर नहीं मिल पा रहा है।”
उन्होंने कहा ”हम असहाय हो रहे हैं। लोगों को पता चलना चाहिए कि कौन कौन से महत्वपूर्ण मुद्दे उठाने की मंजूरी दी गई है। सदस्य मौजूद हैं, वे अपनी बात कहना चाहते हैं लेकिन कुछ लोग उन्हें बोलने नहीं दे रहे हैं।”
इसके बाद सभापति ने शून्यकाल और विशेष उल्लेख के जरिये उठाये जाने वाले उन मुद्दों का उल्लेख किया जिन्हें आसन की ओर से सदन में उठाने की अनुमति दी गयी थी तथा संबंधित सदस्य भी सदन में उपस्थित थे किंतु सदन में चल रहे हंगामे के कारण उन मुद्दों को नहीं उठाया जा सका।