लगभग पिछले 8 महीने से दिल्ली की सीमाओं पर बैठकर आंदोलन कर रहे किसान पिछले 2 दिनों से संसद के नजदीक जंतर-मंतर पर ‘किसान संसद’ का आयोजन कर रहे हैं। जंतर मंतर पर अधिकतम 200 किसानों को नौ अगस्त तक सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन की अनुमति है।
इस बीच किसान नेता और भारतीय किसान संघ (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक ट्वीट कर सरकार को चेताया है। उन्होंने लिखा है, ‘किसान संसद से किसानों ने गूंगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे।’
इससे पहले 11 जुलाई को उन्होंने एक ट्वीट में कहा था कि सरकार को सितंबर तक का समय है। सरकार किसानों की बात मानकर कानून वापस ले, एमएसपी को कानून बनाए अन्यथा इस बार संघर्ष बड़ा होगा किसानों के ट्रैक्टर लाल किले का ही नहीं संसद का भी रास्ता जानते हैं। उससे पहले उन्होंने कहा कि किसानों को खालिस्तानी बताने वाले यह समझ ले कि रावण की लंका में आग एक वानर ने ही लगाई थी। यह बिल भी वापस होंगे एमएसपी कानून भी बनेगा, लेकिन समय लगेगा। अगर यह सरकार अहंकारी होगी तो सत्ता से इनकी विदाई करनी होगी। वो पहले भी कह चुके हैं कि किसान का इलाज संसद और सरकार का इलाज गांव में होगा।