रायपुर। रविवार रात को एक रिपोर्ट आती है..जिसमें दावा किया जाता है कि इजरायल सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से भारत के करीब 300 लोगों के फोन हैक किये गए हैं, इसमें नेता, पत्रकार, बिजनसमैन और दूसरे सार्वजनिक जीवन से जुड़े लोग शामिल हैं। खुलासे के बाद कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष केंद्र सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगाता है। महज 48 घंटे बाद मामले का छत्तीसगढ़ कनेक्शन भी सामने आ जाता है। कांग्रेस आरोप लगाती कि 2017 में रमन सरकार ने भी जासूसी का प्रयास किया था, जिस पर बीजेपी भी जवाबी हमला करती है।
केंद्र सरकार फोन टैपिंग कर सबकी जासूसी करा रही है या फिर विपक्ष सिर्फ शोर मचा रहा है। जी हां.. पेगासस जासूसी मामले ने देश की राजनीति में नया तूफान खड़ा कर दिया है। जासूसी का जिन्न दिल्ली से होते हुए अब राजधानी रायपुर तक पहुंच चुका है। मामले में छत्तीसगढ़ से भी चार लोगों पर सर्विलांस की खबर सामने आ रही है। इधर सत्ताधारी कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 2017 में रमन सरकार ने पैगासस से जासूसी करवाई थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सवाल किया कि रमन सिंह बताए कि पैगासस के लोग छत्तीसगढ़ क्यों आए थे, क्या डील हुई थी ?
पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने प्रेस कॉन्फ्रेस के जरिए मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया..और BJP को भारतीय जासूस पार्टी तक करार दिया। पेगागस जासूसी मामले में कांग्रेस पूरी आक्रामकता के साथ केंद्र सरकार और बीजेपी पर हमलावर दिखी।
कांग्रेस ने रमन सरकार पर पेगासस के इस्तेमाल का आरोप लगाया तो..आरोपों पर जवाब देने खुद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सामने आए…और कांग्रेस के सवालों पर तीखे अंदाज में कहा कि कांग्रेस को चार साल बाद कैसे होश आया है। सुबह अखबार पढ़कर मुद्दा बनाने वाली कांग्रेस को कैसे पता चला कि फोन टैप हुआ। बीजेपी नेता फोन टैप प्रकरण पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया को सोची-समझी साजिश बताया है।
बहरहाल राहुल गांधी और विपक्ष की जासूसी को लेकर कांग्रेस गुरुवार को राजभवन तक पैदल मार्च निकालेगी। कांग्रेस की मांग है कि पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाए और गृहमंत्री अमित शाह इस्तीफा दें। वहीं बीजेपी बड़ी मुस्तैदी से मामले को देश के खिलाफ षडयंत्र बता रही है। आरोप, प्रत्यारोप, सवाल और तमाम जवाबों के बीच अहम सवाल ये कि पेगासस के छत्तीसगढ़ कनेक्शन को और कितना बल मिलेगा और आने वाले समय में प्रदेश की राजनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा?