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Tokyo Olympics: पीवी सिंधु से लेकर मैरी काॅम तक, 8 खिलाड़ी जो भारत को दिला सकते हैं पदक

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Tokyo Olympics: टोक्यो ओलंपिक शुरू होने में अब एक सप्ताह से भी कम समय बचा है। भारत अपने जबरदस्त प्रदर्शन के लिए लगातार तैयारी में जुटा हुआ है। लंदन 2021 के ओलंपिक में भारत ने 6 पदक जीते थे, जिसमें से दो रजत और चार कांस्य पदक हैं। वहीं अगर रियो ओलंपिक के पिछले संस्करण की बात करें तो भारतीय दल ने इसमें सिर्फ दो पदक ही जीते थे जिसमें एक रजत और दूसरा कांस्य था। इस प्रकार भारत अब आने वाले सबसे बड़े खेल कार्निवाल में ज्यादा से ज्यादा जीत हासिल करने की तैयारी में है।

शुरू होने जा रहे ओलंपिक में 288 भारतीय खिलाड़ी हिस्सा लेगें। ये संख्या देश के लिए अब तक सबसे ज्यादा है। इन 288 खिलाड़ियों में से 119 खिलाड़ी 85 विभिन्न पदक श्रेणियों में प्रतिस्पर्धा करेगें। चलिए आज हम उन 8 खिलाड़ियों पर एक नजर डालते हैं जो आने वाले टोक्यो ओलंपिक में देश के लिए पदक की संभावनाएं बन सकती हैं।

बैड मिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधू

रियो ओलंपिक 2016 में रजत पदक जीतने के बाद टोक्यो ओलंपिक के लिए पीवी सिंधू से भारत को बहुत उम्मीदे हैं। हैदराबाद में जन्मी 26 वर्षीय पीवी सिन्धू इस समय बीडब्ल्यूएफ रैंकिंग में 7वें स्थान पर हैं इस बार वह इस कड़ी में खुद को पहले से ज्यादा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शित करने की कोशिश में हैं। सिंधू ने हाल ही में ऑल इंग्लैंड ऑपन के सेमीफाइनल में जगह बनाई जहां वह थाई खिलाड़ी पोर्नपावी चोचुवोंग से हार गईं। उनकी अब BWF रैंकिंग 10 में से कम है इसलिए उन्होनें सीधे ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया था।

51 किग्रा बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम

भारत की अनुभवी मुक्केबाज मैरी कॉम की अगर बात करें तो इन्होनें 2012 लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था। इस बार टोक्यो ओलंपिक में काॅम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन देने के लिए तैयार हैं। बतादें कि इस बार ओलंपिक में काॅम का आखिरी मैच होगा। क्योंकि वे पहले से ही 38 साल की हो चुकी हैं। मैरी काॅम ने हाल ही में 2021 में एशियाई मुक्केबाजी चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था और वह इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में आगे बढ़ने की कोशिश करेगीं।

भारत की पुरुष हॉकी टीम

भारत की पुरुष हॉकी टीम ने आखिरी बार 1980 में फाइनल में स्पेन को हराकर ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था। हालांकि तब से अब तक बहुत कुछ बदला भी है। टोक्यो ओलंपिक के लिए मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली भारतीय पुरुष हॉकी टीम से देश काफी उम्मीद जता रहा है। भारत फिलहाल चौथे नंबर पर है और उसने हाल ही में जर्मनी को 6-1 से हराया था। इसके अलावा उन्होंने ब्यूनस आयर्स में अर्जेंटीना के खिलाफ भी अच्छा प्रदर्शन किया था।

कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगट

इस बार भारत को कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगट से भी उम्मीदें हैं कि वह भारत का विश्व में परचम लहराये। फोगट ने 53 किग्राम वर्ग में मारिया प्रेवोलाराकी को हराकर कांस्य पदक मैच में विश्व चैंपियनशिप मैडल जीता था। वे शीर्ष 6 में जगह बनाकर टोक्यो ओलंपिक 2020 के लिए क्वालीफाई करने वाली पहली भारतीय पहलवान बनीं। इतना ही नहीं फोगट पिछली एशियाई चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनीं।

शूटर मनु भाकर

हमेशा की तरह इस बार भी भारत को निशानेबाजी में ज्यादा से ज्यादा पदक हासिल करने की उम्मीदें हैं। 19 वर्षीय मनु भाकर पर देश के तमाम लोगों की निगाहें टिकी हुई हैं। इस दौरान वह 3 स्पर्धाओं में भाग लेगीं और 10 मीटर एयर पिस्टल उनके लिए सबसे बड़ा मौका होगा। क्योंकि उन्होनें उस श्रेणी में अपने अधिकांश पदक जीते हैं। उन्होनें ISSF 2018 में दो स्वर्ण पदक जीते हैं और ऐसा करने वाली कम उम्र की भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। वास्तव में वह ISSG विश्व कप में नौ बार की स्वर्ण पदक विजेता हैं।

शूटर सौरभ चौधरी

मनु भाकर के बाद देश की नजरें सौरभ चौधरी पर भी रहेगीं। सौरभ पुरुष की 10 मीटर एयर पिस्टल श्रेणी में हिस्सा ले रहे हैं। खास बात तो यह है कि चौधरी और भाकर दोनो ही एक ही वर्ष यानी 19 साल के हैं। चौधरी एशियाई खेलों में सबसे कम उम्र के भारतीय स्वर्ण पदक विजेता हैं क्योंकि उन्होनें 2018 संस्करण में पदक जीता था। इस युवा खिलाड़ी ने ISSF विश्व कप में आठ स्वर्ण पदक जीते हैं और हाल ही में नई दिल्ली 2021 में ISSF विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता है।

भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा

भारत के एथलेटिक्स खिलाड़ियों की अगर बात करें तो इनके रिकाॅर्ड काफी कम देखने को मिलते हैं। लेकिन भाला खिलाड़ी नीरज चोपड़ा की अगर बात करें तो आगामी ओलंपिक में भारत की उम्मीदें इन पर टिकी रहने वाली हैं। 23 वर्षीय चोपड़ा ने 2018 एशियाई खेलों के साथ-साथ राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण जीतने के बाद सुर्खियों में आए। नीरज हाल ही में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करने में सक्षम थे, क्योंकि वह 83.18 मीटर की दूरी तक भाला फेंकने में सक्षम हैं और आगामी खेल में वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की कोशिश में रहने वाले हैं।

49 किग्रा वेटलिफ्टिंग मीराबाई चानू

मीराबाई चानू भारत की एकमात्र एथलीट हैं, जो वेटलिफ्टिंग इवेंट में हिस्सा लेंगी। चानू फिलहाल 49 किग्रा वर्ग में दूसरे नंबर पर हैं। उन्होनें 2014 काॅमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर पदक जीता और फिर विश्व चैंपियनशिप एवं 2018 काॅमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतकर अपने प्रदर्शन में अच्छा खासा सुधार किया। 26 वर्षीय चानू अब आगामी खेल आयोजन में सबसे बड़े पदक जीतने की कोशिश में हैं।