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टोक्यो ओलिंपिक : भिवानी के बॉक्‍सर बोले- इटली मेंं अभ्यास का अनुभव टोक्यो में दिलाएगा पदक

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इटली में एक माह तक अभ्यास का अनुभव टोक्यो ओलिंपिक में पदक दिलाने में अहम साबित होगा। इस दौरान हमने बाक्सिंग की बारीकियां बहुत बारीकी से सीखी हैं। हम सबके हौसले बुलंदी पर हैं और पूरा भरोसा है टोक्यो ओलिंपिक से पदक लेकर लौटेंगे। इटली में कई नामी मुक्केबाजों से ओलिंपिक से पहले ही रिंग में जानने और समझने का अवसर मिला जो हमें जीत दिलाएगा। इटली से टोक्यो के लिए उड़ान भरने से पहले ओलिंपियन मुक्केबाज मनीष कौशिक, पूजा बोहरा और कृष्‍णन यादव ने दैनिक जागरण से अपने अनुभव साझा किए।

10 देशों के मुक्केबाजों के साथ इटली में हुई ट्रेनिंग ने बहुत कुछ सिखाया– टोक्यो रवाना होने से पहले इटली से मुक्केबाज मनीष कौशिक ने कहा कि इटली में 10 देशों के मुक्केबाज आए हुए थे। एक माह के दौरान बहुत कुछ सीखने को मिला। फ्रांस के मुक्केबाज कोहिमा रियो ओलिंपिक 2016 में 60 किलो भार वर्ग में रजत पदक विजेता रहे थे। फ्रांस के यह मुक्केबाज इस बार वह 63 किलो भार वर्ग में खेल रहे हैं और विश्व की नंबर वन रैंकिंग प्राप्त हैं। उनके साथ खेलना बहुत ज्यादा आत्मविश्वास जगाने वाला रहा। वह इसलिए भी की ओलिंपिक में वह पहली बार जा रहे हैं। यूं लगा जैसे ओलिंपिक से पहले इटली में ओलिंपिक सरीखा अनुभव मिल गया। मुझे पूरा भरोसा है यह अनुभव टोक्यो में पदक दिलाने में अहम साबित होगा। 18 जुलाई को हम खेलगांव पहुंच जाएंगे। इटली में अभ्यास का अवसर दिया इसके लिए हम सरकार और बाक्सिंग फेडरेशन का आभार प्रकट करते हैं।

हम आत्मविश्वास से सराबोर हैं और टोक्यो से पदक लेकर लौटेंगे– टोक्यो रवाना होने से पहले इटली से विकासकृष्ण यादव ने कहा कि इटली का अनुभव अच्छा रहा। एक माह के दौरान एक से बढ़ कर एक खिलाड़ियों के साथ खेलने का अवसर मिला। वर्ष 2016 के रियो ओलिंपिक में 64 किलो भार वर्ग में रजत पदक विजेता अजरबेजान के मुक्केबाज लोरेंजो स्टोमेयोर कोलांजो के साथ खेलना उनको समझने वाला भी रहा। इस बार अजरबेजान के यह मुक्केबाज 69 किलो भार वर्ग मेंं टोक्यो ओलिंपिक रिंग में उतरेंगे। मेरा यह तीसरा ओलिंपिक है। पिछले दो ओलिंपिक और अब तक का अनुभव खेल प्रेमियों की उम्मीद पर खरा उतरने में जरूर अहम होगा। हम आत्मविश्वास से सराबोर हैं और पदक जीत कर लौटेंगे।

इटली के अनुभव से मिला हौसला टोक्यो में दिलाएगा पदक– टोक्यो रवाना होने से पहले इटली से पूजा बोहरा ने कहा कि टोक्यो से पहले इटली में एक तरह से मिनी ओलिंपिक रहा। वह इसलिए कि यहां पर दुनिया के नामी खिलाड़ी जो ओलिंपिक में खेलने जा रहे हैं वे आए हुए थे। ऐसे में ओलिंपिक से पहले उनको समझने का अवसर मिला। तकनीक को समझा जो ओलिंपिक में काम आएगी। देश की बात करें तो ओलिंपिक कोटा देश के लिए हासिल करने वाली पहली महिला होने का गौरव मिला। दुनिया के नामी मुक्केबाजों से बहुत कुछ सीखने को मिला है। यह अनुभव टोक्यो में जीत पक्की करेगा। अनुभव ओर खेल प्रेमियों की दुआएं काम आएंगे और टोक्यो से पदक लेकर लौटेंगे।