क्यूबा के राष्ट्रपति मिगेल डियाज कानेल ने बुधवार को अपनी सरकार में खामियों को स्वीकार किया और माना कि कुछ क्षेत्रों की उपेक्षा हुई है। हालांकि उन्होंने क्यूबा के लोगों से अनुरोध किया कि वे नफरत भरे कदम न उठाएं। उनका यह वक्तव्य क्यूबा में हाल में सड़कों पर हुए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा की पृष्ठभूमि में आया है।
इससे पहले तक, सप्ताहांत पर होने वाले प्रदर्शनों के लिए क्यूबा की सरकार ने सोशल मीडिया और अमेरिका सरकार को दोष दिया था। बीते 25 बरस में क्यूबा में हुए प्रदर्शनों में यह सबसे व्यापक पैमाने पर हुए हैं। तब तत्कालीन राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो हजारों प्रदर्शनकारी लोगों की भीड़ को शांत करने के लिए स्वयं आए थे। तब सोवियत संघ टूटने और उसकी आर्थिक मदद रूकने के कारण बने हालात को लेकर लोगों में नाराजगी थी।
सरकारी टेलीविजन पर अपने संबोधन में कानेल ने पहली बार गलतियों को स्वीकारा और यह माना कि खाद्यान्न की कमी, बढ़ती कीमतें और अन्य शिकायतों के पीछे वजह प्रशासन की ओर से हुई खामियां हैं। उन्होंने कहा, ”हमें गड़बड़ियों से सबक लेना चाहिए। हमें अपनी समस्याओं का समाधान निकालने, उनसे उबरने और उनकी पुनरावृत्ति को रोकने के लिए हमें उनका गहन विश्लेषण करना होगा।”
प्रदर्शनकारियों की नाराजगी खाद्यान्न और दवाओं की कमी, उनके लिए लगने वाली लंबी कतारों, बार-बार बिजली गुल होने को लेकर है। कुछ लोगों की मांग है कि कोरोना वायरस रोधी टीके लगाने की रफ्तार बढ़ाई जानी चाहिए। देश में सियासी परिवर्तन की मांग भी उठ रही है। उल्लेखनीय है कि यहां की सत्ता में करीब छह दशक से कम्युनिस्ट पार्टी काबिज है।
कानेल ने कहा, ”हमारा समाज वैसा नहीं है जहां नफरत पैदा होती हो लेकिन उन लोगों ने घृणा भरे कदम उठाए। क्यूबा के लोगों के भीतर एकजुटता की भावना है लेकिन उन लोगों (प्रदर्शनकारियों) ने हथियारों से काम लिया, तोड़फोड़ की, सार्वजनिक स्थानों को लूटने की योजना बनाई, लूटपाट की, पथराव किया।”
क्यूबा कोरोना वायरस महामारी, अमेरिकी प्रतिबंधों के सख्त होने और सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के कुप्रबंधन की वजह से बेहद मुश्किल हालात का सामना कर रहा है।