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6 मरीजों को दोबारा हुआ ब्लैक फंगस:बिलासपुर में ठीक हो चुके लोगों में फिर से मिले लक्षण, 6 मरीज CIMS में भर्ती; अब स्वस्थ हो चुके मरीजों से भी लिया जा रहा फीडबैक

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बिलासपुर में ब्लैक फंगस की बीमारी से लड़ चुके मरीजों के लिए फिर से परेशानी शरू हो गई है। यहां अब ऐसे 6 मरीज सामने आए हैं, जो दूसरी बार ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए हैं। ऐसे मरीजों को घर जाने के बाद दांत हिलने और चेहरे पर दर्द और नाक से खून बहने की शिकायत हुई है। इसके बाद ये मरीज शहर के सिम्स अस्पताल में भर्ती हुए हैं। वहीं दूसरी बार फिर से मरीजों के चपेट में आने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। इधर, ठीक हो चुके अन्य मरीजों से भी उनकी वर्तमान स्थिति को लेकर फीडबैक लिया जा रहा है।

दरअसल, इन दिनों कोरोना केस के साथ-साथ जिले में ब्लैक फंगस की मरीज कम आने लगे थे। ऐसा लग रहा था कि जल्द ही जिला ब्लैक फंगस के मरीजों से मुक्त हो जाएगा। इस बीच आधा दर्जन मरीज फिर से संक्रमण की चेपट में आ गए हैं। जिनके अंदर दोबारा फंगस के लक्षण दिखाई दिए हैं। जिसके बाद इन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस पर सिम्स प्रबंधन का कहना है, दोबारा संक्रमित हुए मरीजों का फिर से ऑपरेशन किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्हें निगरानी में रखा गया है।

42 मरीज हुए थे अब तक भर्ती
सिम्स अस्पताल में अब तक ब्लैक फंगस के 42 मरीज भर्ती हो चुके हैं। जिनमें 6 मरीजों का फिलहाल उपचार जारी है। जो दोबारा संक्रमित हुए हैं। वहीं अन्य मरीज जो उपचार के बाद ठीक हो चुके हैं, उनकी भी स्थिति को लेकर उनसे फीडबैक लिया जा रहा है।

इन मरीजों को अधिक संक्रमण का डर
पोस्ट कोविड ,डायबिटीज और लंबे समय तक एस्टेरॉयड लेने वाले मरीजों के इस बीमारी के लक्षण अधिक दिख रहे हैं। वहीं कैंसर पेशेंट और लो इम्यूनिटी वाले मरीजों को भी इस संक्रमण से खतरा बना रहता है। ऐसे मरीजों को लक्षण दिखने पर तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करने की सलाह दी जा रही है।

14 मई को आया था पहला मामला
बिलासपुर में इस साल 14 मई को ब्लैक फंगस का पहला मामला आया था। तब मरीजों को सिम्स में भर्ती कर उनका इलाज किया गया था। इस प्रकार 9 जुलाई को ब्लैक फंगस का आखिरी मरीज मिला था, लेकिन अब मरीजों के दोबारा संक्रमित हो जाने के चलते एक बार फिर स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।