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आकाशीय बिजली गिरने से देश में 60 से अधिक लोगों की मौत, PMNRF देगा मारे गए लोगों के परिजनों को 2 लाख रु.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने से हुई मौतों पर सोमवार को दुख जताया और मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की. साथ ही इस घटना में मरने वालों के परिवार वालों को दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की है.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक ट्वीट के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘राजस्थान के कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इससे अत्यंत दुख हुआ है. मैं मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.’

प्रधानमंत्री ने इस प्राकृति आपदा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष (पीएमएनआरएफ) दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये मुआवजे की घोषणा की.

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी एक ट्वीट के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘राजस्थान के कुछ इलाकों में आकाशीय बिजली गिरने से कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इससे अत्यंत दुख हुआ है. मैं मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं.’

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राजस्थान के जयपुर, झालावाड़ और धौलपुर जिलों में रविवार को आकाशीय बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में सात बच्चों सहित 18 लोगों की मौत हो गई. राज्य के अलग-अलग गांवों में हुई घटनाओं में छह बच्चों सहित 21 लोग घायल भी हुए हैं.

जबकि उत्तर प्रदेश में तेज बारिश के दौरान बिजली गिरने से 44 लोगों की मौत हो गई, जबकि 47 झुलस गए. मृतकों में प्रयागराज में 14, कानपुर देहात व फतेहपुर में पांच-पांच, कौशांबी में चार, फिरोजाबाद व फतेहपुर में तीन-तीन, उन्नाव, सोनभद्र व हमीरपुर में 2-2, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, मिर्जापुर व हरदोई में एक -एक लोग शामिल हैं. इसके साथ ही 200 से अधिक मवेशियों की भी जान गई है.

एक अन्य ट्वीट में प्रधानमंत्री ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में आकाशीय बिजली गिरने से हुई जनहानि हृदयविदारक है. इस त्रासदी में जिन लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है, उनके परिजनों के प्रति मैं अपनी शोक संवेदना प्रकट करता हूं. ईश्वर उन्हें इस दुख को सहने की शक्ति दे.’

मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली की घटनाओं में मारे गए लोगों के प्रति दुख जताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावितों को हरसंभव मदद पहुंचा रही है. मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में भी बिजली गिरने से अब तक सात लोगों की जान चली गई है.

पीएमओ ने ट्वीट कर बताया कि तीनों राज्यों में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री ने दो-दो लाख रुपये और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की.

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार को बताया कि उत्तर भारत के कई स्थानों पर सोमवार सुबह तक मूसलाधार बारिश होने की संभावना है.

उत्तराखंड में भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के चलते एक गांव में मकान ढह जाने से आठ वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों की मौत हो गई जबकि उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई स्थानों पर बारिश दर्ज की गई.

केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून के सक्रिय होने से रविवार को भी राज्य के कई हिस्सों में लगातार बारिश हुई. मौसम विभाग ने पांच उत्तरी जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है.

आईएमडी ने केरल और गुजरात के मछुआरों के लिए मौसम संबंधी चेतावनी जारी करते हुए उन्हें अगले दो दिनों तक समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है.

दिल्ली को है मॉनसून का इंतजार

आईएमडी ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मॉनसून को दिल्ली सहित उत्तर भारत में 10 जुलाई तक दस्तक देना था, लेकिन रविवार शाम तक ऐसा नहीं हुआ.

आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने बताया कि दिल्ली के ऊपर मॉनसून के सक्रिय होने की अनुकूल परिस्थितियां हैं, क्योंकि पूर्वी हवाओं की वजह से हवा में आर्द्रता बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से भी मॉनसून को गति मिलेगी. उन्होंने कहा, ”हम रविवार को हल्की बारिश और सोमवार को अच्छी बारिश होने की उम्मीद कर रहे हैं.”

मानसून के इंतजार के बीच मध्य दिल्ली देश का ऐसा जिला है, जहां सबसे कम वर्षा हुई है. मध्य दिल्ली में एक जून से लेकर अब तक केवल 8.5 मिलीमीटर बारिश हुई है जोकि सामान्य 125.1 मिमी से 93 प्रतिशत कम है. दिल्ली में अब तक मॉनसून के दौरान होने वाली सामान्य बारिश से 64 प्रतिशत कम बारिश हुई है.

आईएमडी के ताजा वक्तव्य के मुताबिक अगले 24 घंटों के दौरान दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कुछ और हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं.

इस मौसम में कई बार ऐसा हुआ है जब दिल्ली में मॉनसून के आगमन को लेकर मौसम विभाग की ओर से की गयी भविष्यवाणी गलत साबित हुई है.

आईएमडी के उत्तर भारत के लिए मानसून के पूर्वानुमान के सही न होने के पीछे ‘मॉडल्स’ द्वारा भेजे गए गलत सिग्नल, पूर्वी और पश्चिमी हवाओं के बीच संपर्क के नतीजों का अनुमान लगाने में मुश्किल आदि कुछ प्रमुख कारण हैं. विशेषज्ञों ने इस क्षेत्र को गर्मी से राहत न मिलने पर इन वजहों की ओर इशारा किया है.

दक्षिण पश्चिम मानसून देश के लगभग सभी हिस्सों में पहुंच गया है लेकिन उत्तर भारत में अभी तक उसने दस्तक नहीं दी है. दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों और पश्चिमी राजस्थान में अभी तक मानसून नहीं आया है. आईएमडी ने एक महीने पहले पूर्वानुमान जताया था कि मानसून जून तक इन हिस्सों में पहुंच जाएगा लेकिन उसकी भविष्यवाणी अभी तक सही साबित नहीं हुई है.


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