ब्रिटेन (Britain) के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 19 जुलाई से देश में कोविड को लेकर जारी कई पाबंदियों को हटाने का फैसला लिया है. उनके इस फैसले को ‘आत्मघाती’ बताया है. साथ ही पार्टी ने कहा है कि इस कदम का असर पूरे विश्व पर भी हो सकता है. पीएम जॉनसन ने हल ही में कहा था कि ब्रिटेन को वायरस के साथ जीना सीखना होगा. हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय 12 जुलाई को लिया जाना है.
अपने मुखपत्र सामना में शिवसेना ने लिखा, ‘आश्चर्य की बात ऐसी है कि ब्रिटेन में आज भी 32 हजार से अधिक सक्रिय मरीज हैं. इसके अलावा कोरोना के नए डेल्टा वैरिएंट के मरीजों की संख्या भी ब्रिटेन में बढ़ रही है. ऐसी परिस्थिति में भी प्रधानमंत्री जॉनसन ने 19 जुलाई से देश में सभी प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया है. ब्रिटेन का यह निर्णय हिम्मतवाला भले ही हो लेकिन वो आत्मघाती भी साबित हो सकता है.’
पार्टी ने इसे पूरी दुनिया के लिए खतरनाक बताया है. संपादकीय में लिखा गया है, ‘चीन के एक शहर से बाहर आया ये वायरस देखते ही देखते सात समुंदर पार तक पहुंच गया है. पूरे विश्व को इस वायरस ने बेहाल कर दिया है. करोड़ों लोग इस वायरस से संक्रमित हुए हैं. 40 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है. यह सब भयंकर स्थिति आंखों के सामने होते हुए भी कोरोना को रोकने के लिए निर्धारित किए गए सभी प्रतिबंध रद्द करके जनता को खुला घुमने देना यह केवल ब्रिटेन के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है.’
इस दौरान कोरोना वायरस के लैम्ब्डा वेरिएंट को लेकर भी चिंता जाहिर की है. सामना में प्रकाशित लेख के अनुसार, ‘कोरोना के मूल वायरस और डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा ‘लैम्बडा’ यह वैरिएंट अधिक जानलेवा है. ब्रिटेन में भी उसके कुछ मरीज पाए गए हैं. ऐसा होते हुए भी मास्क सहित सभी प्रतिबंध हटाने का ब्रिटेन का निर्णय आत्मघाती साबित हो सकता है.’
एपी के अनुसार, बीते सोमवार को जॉनसन ने इस बात की पुष्टि कर दी थी कि ब्रिटेन मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग से जुड़े कानून को हटाने जा रहा है. उन्होंने कहा था कि जब देश लॉकडान हटाने के अंतिम दौर में होगा, तब कानूनी नियंत्रण को ‘व्यक्तिगत जिम्मेदारी’ से बदल दिया जाएगा. इस नए बदलाव के मुताबिक, लोग मास्क का इस्तेमाल करना बंद कर सकते हैं. हालांकि, बंद जगहों पर इनके इस्तेमाल की सलाह दी गई है.