छत्तीसगढ़ के रायपुर में सट्टे के बड़े कारोबार का पर्दाफाश हुआ है। इनमें से 14 बिहार के रहने वाले हैं। पुलिस ने आरोपियों से कैश, मोबाइल, कार समेत करीब 18.40 लाख रुपए का सामान बरामद किया है। पकड़े गए आरोपी विदेश में बैठे भिलाई गैंग की मदद से इस कारोबार को चला रहे थे। जानकारी के मुताबिक, पुलिस को मंगलवार को सूचना मिली कि कुछ लोग कार से घूम-घूम कर सट्टा चला रहे हैं। इस पर साइबर सेल की मदद से गाड़ी को अवंति विहार के पास ट्रेस कर लिया। जब उसकी जांच की गई तो पता चला कि ऑनलाइन जुए और सट्टे का संचालन किया जा रहा था।
तीनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे एप और ऑनलाइन तीन पत्ती, क्रिकेट, हॉकी, फुटबॉल व अन्य स्पोट्र्स और चुनाव एक्जिट पोल में सट्टा व जुए का संचालन करते हैं। इस पर पुलिस ने मकान में छापा मारा तो वहां 15 लोग अलग-अलग मोबाइल और लैपटॉप के साथ मिले। सभी सट्टा चलवा रहे थे।
सटोरियों ने बताया कि वे विभिन्न एप और लिंक से ऑनलाइन आईडी ग्राहकों को देते हैं। इसके एवज में सटोरियों की ओर से उन्हें वर्चुअल क्वॉइन देकर सट्टा खिलवाया जाता है। आरोपियों के पास से करोड़ों रुपए का हिसाब, 4 लैपटॉप, 34 मोबाइल, विभिन्न इलेक्ट्रानिक डिवाइस, क्रेटा वाहन और 1.30 लाख रुपए कैश सहित 18.40 लाख रुपए का सामान बरामद हुआ है।
आरोपियों ने बताया कि मुख्य सरगना भिलाई निवासी सौरभ और रवि हैं। जो विदेश में बैठकर इस कारोबार का संचालन करते हैं। उन्होंने अलग-अलग बैंकों में फर्जी खाते खोल रखे हैं। सौरभ और रवि अपने फर्जी बैंक खातों में ज्यादा रकम आने पर रुपए निकालने के बाद उसे बंद कर देते हैं। फिर नया खाता खुलवाया जाता है।
बेलगहना बिलासपुर निवासी विकास अग्रवाल, बरमकेला, रायगढ़ निवासी सचिन अग्रवाल, धरमजयगढ़, रायगढ़ निवासी अनिल अग्रवाल उर्फ अतुल, सहरसा, राकेश कुमार सिंह, राकेश कुमार मेहता, मिथिलेश कुमार मेहता, अशोक कुमार मेहता, पसरहा, पटेल, अजय कुमार मेहता, सुड्डू कुमार, श्रवण कुमार, खगड़िया निवासी हेमराज व श्रीकांत कुमार, बलौदाबाजार निवासी खिलेश्वर नामदेव, मधेपुरा निवासी सर्वेश कुमार सिंह व पाण्डव मेहता, भागलपुर निवासी हरिनंदन कुमार शामिल हैं।