प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज केंद्रीय कैबिनेट का विस्तार करने जा रहे हैं, जिसमें माना जा रहा है कि करीब 19 नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। मोदी कैबिनेट में जिन नए चेहरों की एंट्री होगी, उसमें कई नामों की चर्चा है और कुछ के नाम तो लगभग तय भी हो चुके हैं। मगर इन नए चेहरों में सबकी नजर उस शख्स पर होगी, जो अभी पार्टी की कमान को लेकर सुर्खियों में छाया हुआ है। जी हां, मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले नामों में, सबसे अधिक चर्चा में हैं लोजपा के पशुपति कुमार पारस, जो अभी चिराग के साथ सियासी जंग लड़ रहे हैं। राजनीतिक गलियारों में ऐसी चर्चा है कि पशुपति पारस का नाम मंत्रिमंडल में शामिल करने को लेकर लगभग तय हो चुका है। अगर ऐसा होता है तो चिराग पासवान के लिए सबसे बड़ा झटका होगा।
दरअसल, खुदको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हनुमान बताने वाले चिराग पासवान इन दिनों लोजपा की कमान को लेकर अपने चाचा पशुपति पारस से सियासी संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में अगर आज पारस को मोदी कैबिनेट में जगह मिलती है तो यह चिराग पासवान के लिए न सिर्फ झटका होगा, बल्कि बहुत बड़ा अपमान भी होगा। इसकी वजह यह है कि चिराग पासवान न सिर्फ हर मोर्चे पर पीएम मोदी का समर्थन करते रहे हैं, बल्कि चुनावों के दौरान भी वह अपनी वफादारी साबित कर चुके हैं।
ऐसा माना जाता है कि जब 2019 के लोकसभा चुनाव में लोजपा के संस्थापक राम विलास पासवान भाजपा के साथ गठबंधन को राजी नहीं थे, तब चिराग पासवान ही थे, जिन्होंने अपने पिता को 2019 के चुनाव में भी भाजपा के साथ ही रहने को मनाया था। इसके अलावा, बिहार विधानसभा चुनाव में भले ही चिराग पासवान एनडीए गठबंधन से अलग होकर अकेले चुनाव लड़े थे, मगर उन्होंने भाजपा को अपना विरोधी कभी नहीं माना। उन्होंने बिहार में जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारे, मगर भाजपा के खिलाफ एक भी नहीं। चुनाव के दौरान उनका एक नारा भी खूब चर्चा में था- मोदी से बैर नहीं, जदयू की खैर नहीं।