भोपाल: भोपाल में दो दिनों में 30 बच्चों को रेस्क्यू किया गया. इन बच्चों बिहार से काम के सिलसिले में भोपाल और इंदौर में लाया जा रहा था. इसमें से 23 बच्चों को बैरागढ़ स्टेशन पर रेस्क्यू कर ट्रेन से उतारा गया, जबकि 7 बच्चों को हबीबगंज स्टेशन पर आरपीएफ द्वारा उतारा गया. इन बच्चों को पुलिस ने बाल कल्याण समिति और पुलिस ने चाइल्ड लाइन संस्था के सहयोग से अपने कब्जे में ले लिया.
कैलाश सत्यार्थी ने ट्वीट कर आभार जताया
मदरसे में पढ़ने आए है
चाइल्ड लाइन संस्था की डायरेक्टर अर्चना सहाय ने बताया कि हबीबगंज स्टेशन से रेस्क्यू किये गए बच्चे को काम करवाने के लिए ले जाया जा रहा रहा था. बच्चों का कहना है कि हमारे घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं इसलिए काम के लिए आये थे. ये सभी बच्चे बिहार से आये हुए थे. 8 बच्चों के परिजनों से चर्चा के बाद इंदौर मदरसे और भोपाल मदरसे में पढ़ने के लिए भेजा है.
चाइल्ड लाइन ने बच्चों के परिजनों से फोन पर की बात
चाइल्ड लाइन ने रात में ही बच्चों के परिजनों से फोन पर बात की और जानकारी सही पाए जाने के बाद बच्चों को रात में स्टेशन के वेटिंग रूम में रखा गया. जहां से सुबह बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया गया. जहां से जानकारी की सही पुष्टि होने के बाद 16 बच्चों को छोड़ दिया गया और 7 बच्चे अभी छोला स्थित शेल्टर होम में ठहराए गए हैं, जहां बच्चों के अभिभावक उन्हें लेने भोपाल पहुंचने वाले हैं.