रायपुर, राज्य ब्यूरो। Fertilizer Demand: छत्तीसगढ़ को केंद्र सरकार ने मांग के बदले सिर्फ 43 फीसद उर्वरक की आपूर्ति की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मंगलवार को अपने निवास कार्यालय में खाद्य विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि केंद्र से मांग की तुलना में रासायनिक उर्वरकों की काफी कम आपूर्ति की गई है। किसानों को खाद के लिए समस्या का सामना न करना पड़े, इसलिए गोठानों में उत्पादित वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि खरीफ-2021 के लिए राज्य सरकार द्वारा भारत सरकार से मांग के बदले अब तक 4.49 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की आपूर्ति ही की गई है, जो कुल मांग का 43.87 प्रतिशत है। यूरिया के लिए 5.50 लाख मीट्रिक टन की मांग की गई थी, जिसके 2.33 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति हुई, जो मांग का 42.38 प्रतिशत है।
डीएपी 3.20 लाख मीट्रिक टन मांग के बदले 1.22 लाख मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई, जो 38.40 प्रतिशत है। एनपीके के लिए 80 हजार मीट्रिक टन की मांग की गई, जिसमें 49 हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति की गई, जो 61.57 प्रतिशत है। एमओपी के लिए 75 हजार मीट्रिक टन के बदले 44 हजार मीट्रिक टन की आपूर्ति हुई, जो 59.24 प्रतिशत है।
छत्तीसगढ़ ने मांग अनुरूप उर्वरकों की आपूर्ति करने के लिए आग्रह किया था, लेकिन आपूर्ति नहीं की गई। अन्य प्रदेशों की तुलना में छत्तीसगढ़ को कुल आवंटन के बदले कम उर्वरकों की आपूर्ति की गई है। छत्तीसगढ़ का स्थान यूरिया आवंटन में देश में 19वां, डीएपी में 15वां स्थान है।