Home छत्तीसगढ़ बिलासपुर में सुरक्षित नहीं महिलाएं:6 महीने में रेप के 71 और अपहरण...

बिलासपुर में सुरक्षित नहीं महिलाएं:6 महीने में रेप के 71 और अपहरण के 121 मामले दर्ज हुए, अकेले जून में 39 FIR; नेता प्रतिपक्ष ने कहा- छत्तीसगढ़ बन गया अपराधगढ़

44
0

छत्तीसगढ़ में सरकार चाहे तमाम दावे करे कि राज्य में क्राइम घट रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग है। प्रदेश के न्यायधानी कहे जाने बिलासपुर की बात करें तो यहां बीते 6 महीनों में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले तेजी से बढ़े हैं। पुलिस विभाग के मुताबिक, इस साल अब तक अपहरण के 121 और बलात्कार के 71 मामले दर्ज किए गए हैं। रेप और अपहरण के अलावा भी दूसरे तरह के अपराध भी महिलाओं के खिलाफ किए गए हैं। अकेले जून में ही 39 केस दर्ज किए गए हैं। इसको लेकर अब नेत प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने भी पुलिस और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि शांति प्रिय राज्य छत्तीसगढ़ अब अपराधगढ़ बन गया है।

जून में 25 अपहरण के मामले दर्ज हुए
चलिए आपको पिछले 6 महीनों के आंकड़ों के हिसाब से बताते हैं कि बिलासपुर में इस तरह का अपराध किस तरह से बढ़ा है। इसमें अप्रैल से लेकर जून तक का महीना कोरोना की वजह से सख्त लॉकडाउन में गुजरा है। इसमें सबसे पहले हम अपहरण की बात करते हैं।

  • जनवरी 2021 में अपहरण के बिलासपुर जिले के अलग-अलग थाने में 21 मामले दर्ज किए गए
  • फरवरी महीने में आंकड़ा कुछ कम जरूर हुआ, लेकिन फिर भी 18 मामले दर्ज किए गए
  • मार्च में यह आंकड़ा बढ़कर 25 तक पहुंच गया
  • इसके बाद अप्रैल में 16 मामले दर्ज किए गए हैं
  • इस प्रकार मई में 15 और जून महीने में ही 25 अपहरण के मामले दर्ज किए गए

जून में ही रेप के 14 केस दर्ज हुए
अगर बात की जाए रेप के मामलों की तो पिछले 6 महीनों में कुल 71 FIR दर्ज की गई हैं। जिसमें सबसे अधिक जून के महीने में 14 मामले दर्ज किए गए हैं। इन सब में हैरान और परेशान करने वाले बात यह है कि इसमें अब भी बहुत से आरोपियों को अब तक पुलिस पकड़ नहीं पाई है। इसका ताजा उदाहरण है बुधवार को हुई युवती की हत्या का मामला। इस केस में पुलिस के हाथ अब भी खाली हैं। युवती के परिजनों ने भी इस मामले में युवती की रेप के बाद हत्या की आशंका जताई है।

  • जनवरी महीने में 13 रेप के केस दर्ज किए गए हैं।
  • फरवरी महीने में भी यह आंकड़ा स्थिर रहा और 13 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए।
  • मार्च में 11, अप्रैल में 09 और मई में 12 केस दर्ज किए गए।
  • लेकिन जून में यह आंकड़ा बढ़कर 14 हो गया।
शौच के लिए निकली दुर्गा साहू की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी।

शौच के लिए निकली दुर्गा साहू की दिन दहाड़े हत्या कर दी गई थी।

चार दिन बाद भी आरोपी गिरफ्त से बाहर
बुधवार को तेरवा थााना क्षेत्र में युवती की गला घोंट कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 4 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मृतक दुर्गा साहू के इलाके के रहने वाले करीब 800 लोगों का गुस्सा भी शुक्रवार को फूट गया था और उन्होंने आईजी, एसपी कार्यालाय का घेराव कर दिया था। दुर्गा की हत्या मामले में उसके परिजनों ने रेप के बाद हत्या की आशंका जताई है।

पुलिस विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, जून महीने में ही सबसे ज्यादा रेप के केस दर्ज किए गए हैं। यहां एक कराटे की नेशनल प्लेयर युवती ने अपने ही कोच के खिलाफ छेड़छाड़ का केस दर्ज करवाया था। युवती ने बिलासपुर के रतनपुर थाने में अपने कोच अशोक वर्मा पर छेड़छाड़ का केस दर्ज कराया था। पीड़िता ने कोच पर जान से मारने की धमकी और गाली देने का भी आरोप लगाया था। हालांकि बाद में आरोपी कोच को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

समधन से उसके ही समधी ने रेप किया
इसके पहले मई महीने को भी एक मामला सामने आया, जहां रिश्ते ही शर्मसार हो गए थे। दरअसल, यहां सरकंडा थाना क्षेत्र में समधी और उसके फुफेरे भाई ने मिलकर समधन के साथ ही दुष्कर्म किया था। जिसके बाद पीड़ित महिला ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। तब जाकर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया जा सका था।

कौशिक ने कहा है कि रायपुर से लेकर बस्तर तक महिलाओं के खिलाफ लगातार गंभीर अपराध बढ़ रहे हैं।

कौशिक ने कहा है कि रायपुर से लेकर बस्तर तक महिलाओं के खिलाफ लगातार गंभीर अपराध बढ़ रहे हैं।

पुलिस दूसरे कामों में लगी हुई है-कौशिक
अब इस तरह के बढ़ते क्राइम को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सरकार और पुलिस पर हमला किया है। कौशिक ने कहा है कि कांग्रेस की सरकार में राज्य भर में अपराध का ग्राफ बढ़ा है। शांति प्रिय राज्य छत्तीसगढ़ अब अपराधगढ़ बन गया है। राजधानी से लेकर न्यायधानी (बिलासपुर) और सरगुजा से लेकर बस्तर तक महिलाओं के खिलाफ बलात्कार समेत गंभीर अपराध के मामले बढ़े हैं। नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि पुलिस विभाग के आला अधिकारी पुलिसिंग का काम छोड़ कर बाकी अन्य सभी कार्य में जुटे हुए हैं।