ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने सीतापुर में 174 करोड़ की लागत से बनने वाले 220 केवी के बिजली उपकेन्द्र का शिलान्यास किया. उन्होंने कहा कि गरीब की झोपड़ी में रोशनी पहुंचे तभी सरकार का उद्देश्य पूरा होगा
Shrikant Sharma Sitapur Visit: यूपी के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बुधवार को सीतापुर पहुंचे. सीतापुर को बिजली के क्षेत्र में ऊर्जा मंत्री ने बड़ी सौगात दी है. मंत्री श्रीकांत शर्मा ने 174 करोड़ की लागत से बिसवां के कंदुनी में बनने वाले 220 केवी के बिजली उपकेन्द्र का शिलान्यास किया. ऊर्जा मंत्री के मुताबिक 1971 के बाद ये पहला 220 केवी के उपकेन्द्र बनने जा रहा है. इससे बिजली आपूर्ति सुधरने के साथ लो वोल्टेज की समस्या से जहां लोगों को निजात मिलेगी वहीं लखीमपुर-शाहजहांपुर के उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा. दो साल में ये उपकेन्द्र बनकर तैयार हो जाएगा.
दिए ऊर्जा से संबंधित जवाब
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस अवसर पर काजीकमालपुर के 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र का लोकार्पण भी किया और जुलाई माहीने में ही बनकर तैयार हो जाने वाले कसरैला के 33/11 केवी उपकेन्द्र का शिलान्यास किया. ऊर्जा मंत्री ने बिजली को लेकर उनकी सरकार क्या कुछ कर रही है, इसकी जानकारी तो पत्रकारों को दी लेकिन धर्मांतरण, राम मंदिर ट्रस्ट और ओमप्रकाश राजभर से संबंधित सवालों के जवाब नहीं दिए.
अधिकारियों को दिए निर्देश
ऊर्जा मंत्री ने विद्युत अधिकारियों को निर्देश दिए कि वो व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर प्रधानों को जोड़ें. इस अवसर पर मध्यांचल विद्युत वितरण खंड के एमडी सूर्यपाल गंगवार, ट्रांसमिशन के एमडी सच पाण्डियान सी, अधीक्षण अभियंता नन्दलाल, बिसवां विधायक महेन्द्र यादव, हरगांव विधायक सुरेश राही समेत विद्युत विभाग के अधिकारी मौजूद रहे.
हमारे लिए कोई वीआईपी नहीं
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पत्रकारों से कहा 1971 के बाद पहला 220 के विद्युत उपकेंद्र का शिलापूजन किया गया है. गांवों को बिना व्यवधान के 24 घंटे बिजली मुहैया कराना सरकार की प्राथमिकता है. सरकार का लक्ष्य सस्ती बिजली निर्बाध बिजली और सबको बिजली है. इस लक्ष्य को लेकर हम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व में सिर्फ चार जिलों को 24 घंटे बिजली दी जाती थी लेकिन आज सभी 75 जिलों को बिना भेदभाव के बिजली दी जा रही है. जो विद्युत आपूर्ति लखनऊ में है, गोरखपुर में है, प्रयागराज में है और मेरे गृह जनपद में है वही विद्युत आपूर्ति सीतापुर जिले में भी है. हमारे लिए कोई वीआईपी नहीं है. हमारे लिए वीआईपी गरीब की झोपड़ी है, वहां रोशनी पहुंचे तभी सरकार का उद्देश्य पूरा होगा.